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Dhanteras 2025: सावधान! इस बार धनतेरस पर शनिवार का संयोग, भूलकर भी न खरीदें ये 6 चीजें

Dhanteras 2025 on a Saturday: दिवाली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है. इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है. यह त्योहार धन, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है. इस साल धनतेरस का पर्व 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को मनाया जाएगा.धनतेरस पर नई चीजें खरीदने की परंपरा है, माना जाता है कि इस […]

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सूर्य ग्रहण से पहले सूर्य का गोचर, इन राशियों पर टूटेगा मुसीबतों का पहाड़!

सूर्य ग्रहण से पहले सूर्य का गोचर, इन राशियों पर टूटेगा मुसीबतों का पहाड़!  ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। सूर्य का गोचर यानी राशि परिवर्तन हर महीने होता है और इसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है। लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण से ठीक पहले सूर्य […]

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कविता : सतरंगी सपने… (नागेंद्र सिंह चौहान)

सम्मानित दोस्तों, पढ़िए, मेरी एक और ताजातरीन रचना… यह कविता देश के उन सभी बच्चों को समर्पित है जो हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण हुए हैं या फिर जो बच्चे अभी इंटर कॉलेज में अध्ययनरत हैं. सतरंगी सपने ——————- सतरंगी सपने देखे जो हमने, बड़े खूबसूरत सपने देखे हमने। पहले तो देखा बन्द आंखों से, […]

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(कविता) बात बस इतनी है… (नागेंद्र सिंह चौहान)

बात बस इतनी है… पता है मुझे बड़े अच्छे से कि मैं बड़ा अच्छा हूँ सच्चा हूँ थोड़ा बच्चा हूँ और यार तुम भी बड़े अच्छे हो। कितने खूबसूरत थे वो दिन कोई न था मेरे तेरे सिवा तू करता था मेरे लिए दुआ अब हर जगह मेरी बुराई करते हो। खैर छोड़ो अपने मध्य […]

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साथ छोड़नेवाले से लगाव जीवन के सफर में बाधक (विधायक करनाल जगमोहन आनंद)

जूलिया रॉबर्ट्स ने एक बार कहा था, ‘जब लोग आपको छोड़कर चले जाएं तो उन्हें जाने दीजिए। आपकी तक़दीर कभी भी उनलोगों से जुड़ी नहीं होती जो आपको छोड़ते हैं और इसका मतलब यह नहीं है कि वे बुरे लोग हैं। इसका मतलब है कि उनकी आपके जीवन में एक भूमिका थी जो अब समाप्त […]

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शहीद दिवस पर विशेष : सरकारी रिकॉर्ड में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को कब मिलेगा ‘शहीद’ का दर्जा (युद्धवीर सिंह लांबा)

  ‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाक़ी निशाँ होगा। कभी वह दिन भी आएगा जब अपना राज देखेंगे, जब अपनी ही ज़मीं होगी और अपना आसमाँ होगा।’ साल 1916 में मशहूर क्रांतिकारी कवि जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी’ जी द्वारा देशभक्ति की लिखी कविता की ये पंक्तियां […]

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कविता दिवस (नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान)

आज विश्व कविता दिवस है, सब अपने ढंग से मना रहे हैं। भारत में भी कविता दिवस मन रहा है, उत्तर भारत में कुछ ज्यादा ही मन रहा है। कोई कवि अपनी कविताएं बेच रहा है, कोई स्वयंभू कवि रचनाएं खरीद रहा है। कोई कवि अपनी कविता दान दे रहा है, कोई अपने नाम से […]

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कविता : उमंग (आशीष दीक्षित)

होली वैसे है तो उत्सव उमंगों का मन-मयूर में उल्लासित तरंगों का ऐसा हम मानते हैं साधारणतया ऐसा जानते हैं परन्तु यह वास्तव में ऐसा है कि मन तरंगित हो उठे रंगों से रंजित हो उठे एक नये अनुभव से एक नयी ऊर्जा से यह अनायास नहीं है यह मानव की साधारण वृत्ति का प्रयास […]

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‘पंडित का धर्म है अपने राष्ट्र पर सर्वस्व न्योछावर कर देना, मां शरण दो और पुनर्जन्म में यहीं भेजना’ (चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर विशेष)

उस दिन भी रोज़ की तरह सूरज निकला था। भारत का सूरज उन दिनों इसी आस में निकलता था कि एक दिन वह उसी स्वतंत्र भूमि का चरणस्पर्श करेगा जिस भूमि से ज्ञान का प्रकाश पूरे विश्व में फैला था। शासन के स्तर पर दास भारत के स्वतंत्र पुत्र नित की भांति एक उम्मीद से […]

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96वें जन्मदिवस (09 फरवरी) पर विशेष : आधुनिक बज्जिका के शिल्पकार महाकवि हरेंद्र सिंह ‘विप्लव’ (आचार्य चंद्र किशोर पराशर)

बिहार की लोक भाषाओं में बज्जिका का महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसी मान्यता है कि वैशाली गणराज्य के बज्जि जनपद के लोककंठ की भाषा बज्जिका ही थी। इसीलिए, इस लोकभाषा को सुप्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने बज्जिका के रूप में नामित किया। आधुनिक बज्जिका को सजाने-संवारने में महाकवि हरेंद्र सिंह विप्लव का योगदान अग्रणी […]