साहित्य

(कविता) बात बस इतनी है… (नागेंद्र सिंह चौहान)

बात बस इतनी है…

पता है मुझे बड़े अच्छे से
कि मैं बड़ा अच्छा हूँ
सच्चा हूँ थोड़ा बच्चा हूँ
और यार तुम भी बड़े अच्छे हो।
कितने खूबसूरत थे वो दिन
कोई न था मेरे तेरे सिवा
तू करता था मेरे लिए दुआ
अब हर जगह मेरी बुराई करते हो।
खैर छोड़ो अपने मध्य देखो
बात बस इतनी सी है
मुझे परिवर्तन में विश्वास है
तुम आज भी लकीर फकीर हो।
तुमको कहीं न कहीं डर है
मेरी उपस्थिति होगी जहाँ
तुम्हारे वजूद को डसेगी वहां
तभी तुम मुझसे नफरत करते हो।
© नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान
27 अप्रैल, 2025
जंगलवा, बक्सीताल, लखनऊ

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