डेस्क : महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार का दिन एक ऐतिहासिक पल लेकर आया. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे, लगभग 13 साल बाद, अपने चचेरे भाई और शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ पहुंचे. मौका था उद्धव ठाकरे के जन्मदिन का. इस मुलाकात ने महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.
यह सब कुछ बेहद अचानक हुआ. रविवार सुबह राज ठाकरे बिना किसी को खबर दिए अपने घर से निकले और सीधे ‘मातोश्री’ की तरफ रवाना हो गए. उनके साथ मनसे नेता बाला नांदगांवकर भी थे. जैसे ही राज ठाकरे की गाड़ी ‘मातोश्री’ के गेट पर पहुंची, वहां मौजूद उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं ने जोरदार जश्न मनाना शुरू कर दिया.
‘मातोश्री’ के गेट पर उद्धव गुट के सांसद संजय राऊत ने राज ठाकरे का स्वागत किया और उन्हें अंदर ले गए. लेकिन सबसे खास बात यह थी कि खुद उद्धव ठाकरे अपने भाई का स्वागत करने के लिए गेट पर मौजूद थे, जो कि वह आमतौर पर नहीं करते. जैसे ही राज ठाकरे गाड़ी से उतरे, दोनों भाइयों ने एक-दूसरे को गले लगा लिया. यह भावुक पल देखकर वहां मौजूद कार्यकर्ताओं का जोश और भी बढ़ गया.
राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को गुलाब के फूलों का एक सुंदर गुलदस्ता भेंट किया. इसके बाद दोनों भाई ‘मातोश्री’ में बने एक मंच पर आए और हाथ हिलाकर कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया.
सबकी नजरें इस बात पर टिकी थीं कि बंद दरवाजों के पीछे दोनों भाइयों में क्या बात होगी. लेकिन राज ठाकरे सिर्फ 15 से 20 मिनट ही ‘मातोश्री’ में रुके और फिर अपने घर के लिए निकल गए.
इस मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने मीडिया से कहा, “मुझे बहुत खुशी हुई है.” भले ही यह मुलाकात छोटी थी, लेकिन सालों की दूरियों के बाद दो भाइयों का इस तरह मिलना महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले बदलावों का संकेत दे रहा है.