अन्य उत्तर प्रदेश

मिल्कीपुर उपचुनाव : सपा नेता ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, सुनें वायरल ऑडियो

डेस्क : अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव के दौरान शराब बांटने के आरोप में जिला पंचायत सदस्य प्रदीप यादव को पुलिस द्वारा गाली देने और धमकी देने का मामला सामने आया है। प्रदीप यादव ने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष ने उन्हें फोन पर गंदी-गंदी गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने उनके घर आकर थप्पड़ मारा और उन्हें बेवजह प्रताड़ित किया। इस मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

जानकारी के मुताबिक, जिला पंचायत सदस्य प्रदीप यादव ने कहा, “मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं और हर दिन हजारों लोगों को भोजन कराता हूं, लेकिन पुलिस ने मुझ पर गलत आरोप लगाए कि मैंने शराब बांटी है। यदि थानाध्यक्ष को जल्द से जल्द सस्पेंड नहीं किया गया तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।”

इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर यूपी सरकार और पुलिस प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने प्रदीप यादव की फेसबुक पोस्ट शेयर करते हुए अयोध्या एसएसपी और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने एसएसपी के आदेश पर प्रदीप यादव को जबरन उठा लिया।

अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा: अयोध्या निवासी समाजसेवी श्री प्रदीप यादव को @ayodhya_police के एक एसओ ने अयोध्या एसएसपी राजकरण नैय्यर के कहने पर मां बहन की गंदी गंदी गालियां दीं और उसे जान से मारने की धमकी दी। सूचना है कि प्रदीप यादव जी को SSP नैय्यर के आदेश पर अयोध्या पुलिस उठा ले गई है ,यदि प्रदीप यादव जी को कुछ भी होता है तो अयोध्या एसएसपी और उनके अधीनस्थ पुलिसकर्मी जिम्मेदार होंगे और वे एक प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए तैयार रहें। पुलिस प्रदीप यादव जी के साथ क्या कर रही है ये बताएं सीएम योगी और एसएसपी अयोध्या ? क्योंकि प्रदीप यादव ने अपनी फेसबुक पोस्ट में भी अपने साथ अनहोनी की आशंका व्यक्त की थी। सीएम योगी यूपी में अराजकता फैला रहे हैं ,विपक्षी दल को कुचल रहे हैं और लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं और जो भी व्यक्ति इनके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं उन्हें पुलिस के द्वारा जान से मरवा दे रहे हैं।

हालांकि, गुरुवार को प्रदीप यादव खुद मीडिया के सामने आए और गुमशुदगी की अफवाहों को खारिज कर दिया लेकिन उन्होंने पुलिस पर उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के आरोप दोहराए। इस मामले में अभी तक सरकार और पुलिस प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ता नजर आ रहा है, और आगे विरोध प्रदर्शन की संभावना जताई जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *