राष्ट्रीय

15 जुलाई से देशभर में दो पहिया वाहनों के लिए नये और आनिवार्य नियम होंगे लागू

नई दिल्ली: सरकार ने दो पहिया वाहन खरिदने वाले ग्राहकों और निर्माता कंपनियों के लिए कुछ जरूरी नियम लागू किए हैं, जो 15 जुलाई 2025 से मान्य होगा। इसके अलावा 1 जनवरी 2026 से, 50 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले या 50 किमी/घंटा से अधिक गति वाले दोपहिया वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) लगाना भी आवश्यक होगा।

हेलमेट की अनिवार्यता

वर्तमान में, दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है, लेकिन पीछे बैठने वाले यात्रियों के लिए यह नियम अक्सर लागू नहीं होता। नए प्रस्ताव के अनुसार, निर्माता वाहन खरीदने के समय दो हेलमेट प्रदान करेंगे, जो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप होंगे। इससे न केवल चालक की बल्कि पीछे बैठे यात्री की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी, जिससे दुर्घटनाओं में सिर की चोटों की संभावना कम होगी।

ABS का महत्व

यह नियम केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में प्रस्तावित संशोधन के तहत लागू होगा और आधिकारिक राजपत्र में इसे प्रकाशित होने के तीन महीने बाद प्रभावी हो जाएगा। हालांकि, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 के तहत कुछ व्यक्तियों को इस नियम से छूट दी जाएगी। सड़क सुरक्षा के एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू के रूप में, 1 जनवरी 2026 से सभी नए L2 श्रेणी के दोपहिया वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) होना अनिवार्य होगा। ABS के कारण अचानक ब्रेक लगाने पर पहिये लॉक नहीं होंगे, जिससे वाहन का नियंत्रण बेहतर होगा और स्किडिंग की संभावना कम होगी। यह ABS भारतीय मानक IS14664:2010 के अनुरूप होगा, जो इसके प्रदर्शन और सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।

सार्वजनिक सुझाव आमंत्रित

सरकार ने इन प्रस्तावित नियमों पर जनता और संबंधित हितधारकों से सुझाव और आपत्तियों के लिए 30 दिनों का समय दिया है। इच्छुक व्यक्ति या संस्थान अपने सुझाव comments-morth@gov.in पर ईमेल के माध्यम से भेज सकते हैं। यह प्रक्रिया सरकार को नियमों को और बेहतर बनाने और व्यापक सहमति प्राप्त करने में मदद करेगी। ये नए नियम दोपहिया वाहन चालकों और यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। दो हेलमेट की अनिवार्यता से सभी सवारों की सुरक्षा में वृद्धि होगी और ABS के उपयोग से ब्रेकिंग के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी। इन नियमों के लागू होने से भारत में सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी।

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