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हैदराबाद : अमित शाह के ‘डीपफेक’ वीडियो मामले में 5 कांग्रेसी नेता गिरफ्तार, सोशल मीडिया टीम के सदस्य भी शामिल

डेस्क : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘डीपफेक’ वीडियो मामले में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. हैदराबाद पुलिस ने आज कांग्रेस के पांच नेताओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें सोशल मीडिया टीम के सदस्य भी शामिल हैं.

हैदराबाद पुलिस ने बताया कि यह गिरफ्तारी बीजेपी नेता की शिकायत के बाद की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अमित शाह के वीडियो को छेड़छाड़ करके झूठा प्रचार फैलाया जा रहा है. इसके बाद साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज किया था.

हैदराबाद के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया, “हमने केंद्रीय मंत्री अमित शाह के डीपफेक वीडियो मामले में कांग्रेस नेताओं और सोशल मीडिया टीम के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. बीजेपी नेता की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने पहले ही एफआईआर दर्ज की थी. शिकायत में कहा गया था कि अमित शाह के वीडियो को छेड़छाड़ करके झूठा प्रचार फैलाया जा रहा है.”

गिरफ्तार किए गए लोगों में कांग्रेस नेता असमा और गीता, सोशल मीडिया टीम के सदस्य नवीन, शिव और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं. गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर गृह मंत्री का एक छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्हें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को हटाने की बात करते हुए दिखाया गया था. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस ‘डीपफेक’ वीडियो के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है.

इससे पहले, गुजरात कांग्रेस के विधायक जिग्नेश मेवाणी के निजी सहायक (पीए) और आम आदमी पार्टी के एक पदाधिकारी को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक डीपफेक वीडियो को शेयर किया था, जिसमें उन्हें “एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण खत्म करने” का वादा करते हुए दिखाया गया था.

इस बीच, अमित शाह ने ‘डीपफेक’ वीडियो के प्रसार के लिए कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि राहुल गांधी के चुनावी मानक दिन-ब-दिन गिरते जा रहे हैं. टाइम्स ग्रुप की ग्रुप एडिटर नविका कुमार के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, शाह ने एक बार फिर वीडियो के प्रसार के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी को दोषी ठहराया और कहा कि वायनाड के सांसद का चुनावी स्तर दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है.

वीडियो सामने आने के बाद, बीजेपी ने देश भर में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि वीडियो, जिसमें शाह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को खत्म करने की बात करते हुए दिख रहे हैं, को छेड़छाड़ करके बनाया गया है. बीजेपी ने असली वीडियो भी शेयर किया और दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए “असंवैधानिक” आरक्षण को खत्म करने की बात की थी. बीजेपी ने आगे दावा किया कि वीडियो को एडिट किया गया था.

 

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