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महाराष्ट्र : राज्य में 1 अप्रैल से ‘फास्टैग’ अनिवार्य

डेस्क : महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंगलवार (7 जनवरी) को बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में सभी वाहनों के लिए 1 अप्रैल से फास्टैग को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है. यह कदम टोल कलेक्शन प्रक्रिया को डिजिटल और तेज बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है. पिछले साल अक्टूबर 2024 में, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि मुंबई के पांच मुख्य टोल बूथ पर हल्के मोटर वाहनों (LMV) से टोल नहीं लिया जाएगा. इसमें दहिसर, मुलुंड, वाशी, ऐरोली और तिनहाथ नाका के टोल बूथ शामिल हैं.

इस फैसले से रोजाना मुंबई आने वाले हजारों वाहन चालकों को राहत मिली. कार, रिक्शा और टैक्सियों जैसे हल्के वाहनों को इस माफी का लाभ मिला, जिससे उनके सफर का खर्च कम हुआ.

कैबिनेट के नए फैसले के मुताबिक, अब सभी वाहनों को टोल चुकाने के लिए फास्टैग का उपयोग करना होगा. फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जो वाहन चालकों को बिना रुकावट टोल गेट पार करने की सुविधा देता है. यह न केवल समय बचाएगा, बल्कि नकद लेनदेन को भी खत्म करेगा.

1 अप्रैल से राज्य भर के सभी टोल बूथ पर फास्टैग अनिवार्य होगा. जिन वाहनों पर फास्टैग नहीं होगा, उन्हें दोगुना टोल भरना पड़ सकता है. ऐसे में वाहन मालिकों को समय रहते फास्टैग लगवाने की सलाह दी गई है.

मुंबई जैसे महानगर में, जहां सड़क यातायात भारी होता है, यह बदलाव वाहन चालकों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है. वहीं, मुंबई के प्रवेश स्थलों पर टोल माफी जारी रहने से हल्के वाहन चालकों को राहत मिलती रहेगी.

 

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