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कनाडा : ट्रूडो की विदाई के बाद पीएम पद की रेस में भारतीय मूल के दो नेता शामिल

डेस्क : कनाडा की राजनीति में इस समय उथल-पुथल मची हुई है. जस्टिन ट्रूडो, जो लंबे समय से देश के प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के नेता रहे, ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह कदम उन्होंने अपनी पार्टी में बढ़ते विद्रोह और जनता में कम होती लोकप्रियता के चलते उठाया. दरअसल ट्रूडो के खिलाफ लिबरल पार्टी के भीतर विरोध बढ़ गया था. 153 सांसदों में से 131 ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. साथ ही, इस साल होने वाले आम चुनावों में कंजरवेटिव पार्टी के नेता पियरे पोइलिवरे के सत्ता में आने की संभावनाएं जताई जा रही थीं. इन हालातों में ट्रूडो के लिए इस्तीफा देना अनिवार्य हो गया.

अब सवाल यह है कि ट्रूडो की जगह कौन लेगा? और क्या भारतवंशी नेताओं का मौका बन सकता है? जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद, लिबरल पार्टी के सामने कई विकल्प हैं. संभावित उम्मीदवारों की सूची में कुछ प्रमुख नाम शामिल हैं:

भारतीय मूल के नेता भी पीएम पद की रेस में
कनाडा की राजनीति में भारतीय मूल के दो नेता, अनिता आनंद और जॉर्ज चहल, भी प्रमुख दावेदार बनकर उभरे हैं.

अनिता आनंद

अनिता आनंद, जो वर्तमान में परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री हैं, को पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए योग्य उम्मीदवार माना जा रहा है. उनके माता-पिता तमिलनाडु और पंजाब से थे. उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान मेडिकल इक्विपमेंट्स की खरीद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनकी कार्यक्षमता और अनुभव उन्हें एक मजबूत विकल्प बनाते हैं.

जॉर्ज चहल

अल्बर्टा के सांसद जॉर्ज चहल भी इस दौड़ में हैं. वे एक वकील और सामुदायिक नेता हैं. चहल ने पार्टी को नया नेता चुनने की मांग करते हुए ट्रूडो की आलोचना की थी. हालांकि, अगर उन्हें अंतरिम नेता चुना जाता है, तो वे परंपरा के अनुसार प्रधानमंत्री पद की रेस से बाहर हो जाएंगे.

ये नेता भी हैं संभावित उम्मीदवार
क्रिस्टिया फ्रीलैंड

क्रिस्टिया फ्रीलैंड, जो ट्रूडो की डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री रह चुकी हैं, इस रेस में सबसे आगे हैं. उनके पास अंतरराष्ट्रीय साख और आर्थिक विशेषज्ञता है. हालांकि, ट्रूडो की सरकार का हिस्सा होने के कारण उनकी लोकप्रियता प्रभावित हो सकती है.

मार्क कार्नी

बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी भी एक मजबूत दावेदार हैं. उनकी आर्थिक समझ गहरी है, लेकिन उनके पास राजनीतिक अनुभव की कमी है.

मेलानी जोली

विदेश मंत्री मेलानी जोली का नाम भी चर्चा में है. हालांकि, उनकी विदेश नीति को लेकर आलोचनाएं हो रही हैं, लेकिन वे एक मजबूत विकल्प मानी जा रही हैं.

डोमिनिक लेब्लांक

डोमिनिक लेब्लांक, ट्रूडो के करीबी सहयोगी और वरिष्ठ मंत्री, भी इस दौड़ में हैं. उनका राजनीतिक अनुभव उनके पक्ष में है, लेकिन उनकी लोकप्रियता सीमित है.

लिबरल पार्टी के पास अब दो विकल्प हैं. या तो नेशनल कॉकस की सिफारिश पर एक अंतरिम नेता चुना जाएगा, या फिर एक संक्षिप्त नेतृत्व चुनाव आयोजित किया जाएगा. इसके लिए गवर्नर-जनरल मैरी साइमन से संसद को स्थगित करने का अनुरोध करना होगा. यह प्रक्रिया जटिल है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसे अपना नया नेता चुनती है.

जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद जनता की राय भी विभाजित है. कुछ इसे सही समय पर लिया गया निर्णय मानते हैं, जबकि कुछ का कहना है कि यह पार्टी की आंतरिक समस्याओं का संकेत है.

अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा और क्या वह व्यक्ति कनाडा की राजनीति में स्थिरता ला पाएगा. भारतीय मूल के नेताओं की बढ़ती लोकप्रियता ने इस रेस को और भी दिलचस्प बना दिया है.

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