इंदौर: इंदौर के हीरानगर क्षेत्र से एक दुखद घटना सामने आई है जहां 17 वर्षीय बीई की छात्रा प्रीति चौहान ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के वक्त वह घर में अकेली थी। शाम के समय बारिश के दौरान बिजली गुल हो गई, तो सामने रहने वाली बुआ बाहर आईं।लेकिन जब उन्होंने भतीजी को बाहर न देख आवाज लगाई और कोई जवाब नहीं मिला, तो वह घर के अंदर गईं। अंदर का नज़ारा देखकर उनके होश उड़ गए, प्रीति फंदे पर लटकी हुई थी।
अफसर बनने का सपना आंखों में बंद करके चली गई प्रीति
पुलिस के अनुसार, प्रीति चौहान हीरानगर के जाम का बगीचा इलाके में अपने परिवार के साथ रहती थी और मालवा इंस्टीट्यूट से बीई फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही थी। परिजनों के मुताबिक, वह पढ़ाई में बहुत होशियार थी और क्लास में हमेशा टॉप करती थी। उसका सपना था कि वह अफसर बने और एक दिन लालबत्ती वाली गाड़ी में घर लौटे। हाल ही में उसने एक सेमेस्टर का पेपर दिया था जिसमें अच्छे अंक प्राप्त हुए थे।
आत्महत्या के समय अकेली थी घर में
घटना के समय प्रीति के पिता नरेश चौहान जो बड़े वाहनों की बॉडी बनाने का कार्य करते हैं, अपने काम पर थे। बड़ी बहन नौकरी पर गई हुई थी, जबकि मां, छोटा भाई और बहन सिहोर जिले के इसरपुर स्थित रिश्तेदारों के यहां गए हुए थे। प्रीति घर में पूरी तरह अकेली थी। परिवार मूलतः भोपाल मंडी से है और करीब एक साल पहले ही इंदौर शिफ्ट हुआ था।
मोबाइल जब्त, सुसाइड नोट नहीं मिला, पुलिस कर रही जांच
हीरानगर पुलिस ने घटनास्थल से प्रीति का मोबाइल और बैग जब्त कर लिया है। पुलिस के अनुसार, मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, लेकिन मोबाइल की जांच से कुछ अहम सुराग मिलने की संभावना जताई गई है। पिता नरेश चौहान का कहना है कि बेटी कुछ समय से पढ़ाई को लेकर तनाव में थी, लेकिन कभी यह अंदेशा नहीं हुआ कि वह ऐसा कठोर कदम उठा लेगी। पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।