डेस्क: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम पहले संबोधन में पाकिस्तान को खरी खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया.
निर्दोष-मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर, उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने, बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत वीभत्स चेहरा था, क्रूरता थी. ये देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी. मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पीड़ा बहुत बड़ी थी.
पीएम मोदी के संबोधन के उन 15 कड़े शब्दों की दहाड़
1. पहलगाम आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में, आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ. हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी. और आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है.
2. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, ‘न्यू नॉर्मल’ तय कर दिया है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ये सिर्फ नाम नहीं है, ये देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है.
3. आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्ट्स उजाड़ दिए. भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर्स पर सटीक प्रहार किया.
4. आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है. लेकिन जब देश एकजुट होता है, राष्ट्र प्रथम की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं.
5. भारत की मिसाइलों और ड्रोन्स ने जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर हमला बोला, तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं, बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया. बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने, एक प्रकार से वैश्विक आतंकवाद के गढ़ रहे हैं.
6. आतंक के बहुत सारे आका, बीते ढाई-तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें करते थे, उन्हें भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया.
7. भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा में घिर गया था, हताशा में घिर गया था, बौखला गया था, और इसी बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया. आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया. पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों-कॉलेजों को, गुरुद्वारों को, मंदिरों को, सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया.
8. दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन्स और पाकिस्तान की मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत की सशक्त वायु रक्षा प्रणाली ने, उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया. भारत के ड्रोन, भारत की मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया. पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिस पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था.
9. भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया, जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था. इसलिए, भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा.
10. पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था. और बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे डीजीएमएओ (सैन्य अभिायन के महानिदेशक) को संपर्क किया. तब तक हम आतंकवाद ठिकानों को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था.
11. इसलिए, जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा. तो भारत ने भी उस पर विचार किया. और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है. आने वाले दिनों में, हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे कि वो क्या रवैया अपनाता है.
12. भारत की तीनों सेनाएं, हमारी वायुसेना, हमारी सेना, और हमारी नौसेना, हमारे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत के अर्धसैनिक बल लगातार अलर्ट पर हैं. ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, ‘न्यू नॉर्मल’ तय कर दिया है. भारत किसी भी परमाणु धमकी को नहीं सहेगा. ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा.
13. युद्ध के मैदान पर हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है. और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है. हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही नए युग के युद्ध में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की. निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है.
14. पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार, जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे हैं, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा. पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने ‘टैरर इंफ्रास्ट्रक्चर’ का सफाया करना ही होगा. इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है. भारत का मत एकदम स्पष्ट है, आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती, आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते और पानी व खून भी एक साथ नहीं बह सकता.
15. मैं आज विश्व समुदाय को भी कहूंगा, हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो आतंकवाद पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर ही होगी.