डेस्क : मध्य प्रदेश के दमोह शहर के मिशन अस्पताल (Mission Hospital) में एक बड़े लापरवाही का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक फर्जी डॉक्टर ने खुद को हार्ट स्पेशलिस्ट बताकर सात लोगों की सर्जरी की, जिनकी बाद में मौत हो गई. घटना को लेकर शुक्रवार को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रियंक कानून गो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें इस घटना का खुलासा हुआ और सर्जरी के दौरान हुई 7 हृदय रोगी मरीजों की अकाल मृत्यु का जिक्र किया गया.
मामले में यह भी कहा गया कि मिशन अस्पताल प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से आच्छादित है, इसलिए यहां सरकारी राशि का दुरुपयोग भी हुआ है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
इस मामले में सीएमएचओ मुकेश जैन ने कहा कि इस मामले को गोपनीय रखने के लिए कहा गया है, और इसलिए वह इस पर कोई बयान नहीं दे सकते. वहीं, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक तिवारी ने बताया कि पीड़ित पक्ष के संपर्क में कुछ लोग आए थे, जिससे पता चला कि मिशन अस्पताल में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही थी.उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में एक डॉक्टर ने सर्जरी की, जिनका असली नाम एनकेम जॉन है, जो लंदन में काम करता है, लेकिन यहां पर यह डॉक्टर नरेंद्र यादव के नाम से पेश आया.
मामले में बवाल बढ़ने के बाद मिशन अस्पताल की प्रबंधक पुष्पा खरे ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि गलत आंकड़े पेश किए जा रहे हैं और यह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि बाद में और जानकारी दी जाएगी, लेकिन फिलहाल वह इस मामले पर और कुछ नहीं बोल सकतीं.
लोगों का कहना है कि यह अस्पताल की बड़ी लापरवाही है और ऐसी घटनाओं के कारण अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि इस लापरवाही के कारण 7 लोगों की जान चली गई है.