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केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में मैथिली को शामिल करने के लिए हो रही ठोस पहल : डॉ. गोपालजी ठाकुर

कहा- मैथिली भाषा को सीटीईटी में शामिल करने की पहल का शीघ्र दिखेगा परिणाम

दिल्ली (निशांत झा) : भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल मैथिली भाषा को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर ठोस पहल शुरू कर दी गई है। दरभंगा के सांसद सह लोकसभा में भाजपा सचेतक डॉ. गोपालजी ठाकुर ने केंद्रीय शिक्षा सह कौशल विकास उद्यमिता राज्य मंत्री जयंत चौधरी द्वारा सांसद द्वारा लोकसभा में इस मुद्दे पर किए गए तारांकित प्रश्न संख्या-185 के जवाब के आलोक में उपरोक्त बातें कही हैं।

सांसद डॉ. ठाकुर ने बताया कि वह वर्ष 2022 से ही इसके लिए प्रयासरत हैं तथा 13 जनवरी 2022 ,13 मार्च 2023, 25 जून 2023 तथा 06 जून 2024 को इस मामले में विभागीय मंत्री को पत्र के माध्यम से पहल करने का आग्रह किया था तथा तारांकित प्रश्न के माध्यम से लोकसभा में अपनी बातें रखी थीं, जिसके जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने सूचित किया है कि एनसीटीई के सलाहकार बोर्ड तथा क्रियान्वयन समिति की 29 जून 2024 को हुई बैठक में इसके लिए एक समिति का गठन किया गया था तथा बोर्ड ने 18 अगस्त 2024 को ही मैथिली भाषा को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल करने के लिए अपनी अनुशंसा भेज दी थी, जिसकी मंत्रालय द्वारा शीघ्र औपचारिक घोषणा की जाएगी।

सांसद डॉ. ठाकुर ने मैथिली भाषा को सीटीईटी में शामिल करने को हर दृष्टि से उचित और समीचीन बताते हुए कहा कि जब यह भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है तथा बीपीएससी की परीक्षाओं के लिए भी मान्य है तो ऐसी स्थिति में मैथिली भाषा को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षाओं से वंचित नहीं रखा जा सकता है।

 

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