दरभंगा (नासिर हुसैन)। कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में ‘कैम्पस से कॉरपोरेट इंडस्ट्री की अपेक्षाएं और सामाजिक प्रभाव’ पर आज सेमिनार का आयोजन किया गया। इस आयोजन में प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसमें छात्रों को कॉरपोरेट जगत की वास्तविक अपेक्षाओं, करियर के अवसरों और उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली।
मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. पीएम मिश्रा, पूर्व निदेशक, डब्ल्यूआईटी ने कहा कि जिज्ञासा और रचनात्मकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि एक इंजीनियर का कार्य केवल नौकरी करना नहीं, बल्कि नवाचार और सृजन करना भी होता है। उन्होंने छात्रों को समस्याओं का समाधान खोजने और पारंपरिक सीमाओं से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. एडीएन सिंह ने अपनी अनूठी काव्यात्मक शैली में छात्रों को प्रेरित किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचार ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए’ को दोहराते हुए छात्रों को दृढ़ संकल्प और निरंतर प्रयास करने की प्रेरणा दी। उनकी बातों से छात्रों के मन में आत्मविश्वास की भावना भर गई। अमर सौरभ, स्टाफ प्रोडक्ट मैनेजर, टिकटॉक, कैलिफोर्निया, यूएसए ने छात्रों को समूह में काम करने, प्रोजेक्ट वर्क में भाग लेने और समय प्रबंधन की महत्ता को समझाया। उन्होंने बताया कि टीमवर्क से सहयोग, नेतृत्व, अनुकूलन क्षमता जैसे महत्वपूर्ण कौशल विकसित होते हैं। उन्होंने छात्रों को यह भी आश्वासन दिया कि लगातार प्रयास और सही रणनीति से वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
अमित रंजन, प्रिंसिपल प्रोडक्ट मैनेजर, अमेज़न, कैलिफोर्निया, यूएसए ने छात्रों को विभिन्न विषयों का अध्ययन करने और बहुआयामी करियर संभावनाओं की खोज करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में बहु-विषयक कौशल की मांग बढ़ रही है और छात्रों को केवल अपने मुख्य विषय तक सीमित न रहकर नई तकनीकों और क्षेत्रों को सीखने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने छात्रों के करियर मार्गदर्शन और इंडस्ट्री ट्रेंड्स से जुड़े सवालों के उत्तर भी दिए।तकनीकी विकास के विषय पर बोलते हुए डॉ. प्रदीप कांत चौधरी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे नई तकनीकों से अपडेट रहें और अपने कौशल को लगातार विकसित करें, ताकि वे आने वाले समय में प्रतिस्पर्धात्मक बने रह सकें।
अंत में दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्राचार्य ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और छात्रों को प्रोजेक्ट कार्यों, अनुसंधान और उद्यमिता में पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। संगोष्ठी में छात्रों की सक्रिय भागीदारी, प्रश्नोत्तर सत्र और नेटवर्किंग गतिविधियों ने इसे एक सफल और प्रेरणादायक कार्यक्रम बना दिया।