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दरभंगा : मिथिला विवि के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में संचालित संस्कृत अध्ययन केंद्र के पाठ्यक्रमों में नामांकन की तिथि 10 नवंबर तक विस्तारित

कोई भी इच्छुक संस्कृतप्रेमी सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्सों में ऑनलाइन नामांकन ले सकते हैं, कठिनाई होने पर संस्कृत विभाग में करेंगे संपर्क

संस्कृत के अध्ययन- अध्यापन से ही मानवीय गुणों- दया, नैतिकता, मानवता, परोपकार, संस्कृति एवं संस्कार आदि को मिलेगा बढ़ावा- डॉ. घनश्याम

मात्र ₹1200 में नामांकन लेकर कोई भी व्यक्ति ₹2000 मूल्य की 5 पुस्तकों के साथ ही संस्कृत- ज्ञान, अंक पत्र एवं मूल प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं- डॉ. चौरसिया

वार्तालाप, प्रश्नोत्तर, संकेतों, चित्रों, आपसी परिचय आदि के माध्यम से सिखाया जाएगा संस्कृत भाषा तथा संस्कृत संभाषण- अमित कुमार झा

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रायोजकत्व से 2022 में ही स्थापित संस्कृत अध्ययन केन्द्र के सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्सों-2024 में ऑनलाइन नामांकन की तिथि 10 नवंबर तक विस्तारित की गई है। कोई भी इच्छुक संस्कृतप्रेमी जो कभी संस्कृत नहीं पढ़े हैं वे भी इन कोर्सों में वेबसाइट- www.sanskrit.nic.in खोलकर अथवा पोर्टल- https://sanskritam.samarth.edu.in/ पर जाकर नामांकन ले सकते हैं और प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की कठिनाई होने पर केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया- 9905437636 पर अथवा केन्द्र के शिक्षक अमित कुमार झा- 6005312770 पर फोन कर या मिलकर बात कर सकते हैं।

नामांकन- जागरूकता के उद्देश्य से स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ घनश्याम महतो की अध्यक्षता में शिक्षकों, कर्मियों, शोधार्थियों, अतिथियों तथा विद्यार्थियों की बैठक हुई, जिसमें केन्द्राधिकारी डॉ आर एन चौरसिया, डॉ ममता स्नेही, डॉ मोना शर्मा, केन्द्र के शिक्षक अमित कुमार झा, रवि शंकर, नीतू कुमारी, सदानंद विश्वास, मणि पुष्पक घोष, उदय कुमार उदेश, योगेन्द्र पासवान तथा विद्यासागर भारती आदि उपस्थित थे।

डॉ घनश्याम महतो ने कहा कि संस्कृत अध्ययन केन्द्र की स्थापना का मूल उद्देश्य संस्कृत भाषा एवं साहित्य का प्रचार- प्रसार करना है। सरकार भी संस्कृत अध्ययन- अध्यापन पर अधिक जोर दे रही है, क्योंकि संस्कृत अध्ययन से ही मानवीय गुणों- दया, नैतिकता, मानवता, परोपकार, संस्कृति एवं संस्कार आदि को बढ़ावा मिलेगा। केन्द्र के शिक्षक अमित कुमार झा ने कहा कि इन कोर्सों में कोई भी 10वीं पास पढ़ने वाले छात्र- छात्रा, व्यवसायी, कृषक, महिला, वृद्ध, अवकाश प्राप्त या नौकरी करने वाले व्यक्ति आदि किसी भी क्षेत्र के रहने वाले संस्कृतप्रेमी मात्र 1,200 रुपए में नामांकन ले सकते हैं। इसका वर्ग ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से संचालित होगा। उन्होंने अब तक 30 व्यक्तियों द्वारा नामांकन लिए जाने की जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र में संकेतों, चित्रों, प्रश्नोत्तरी, आपसी परिचय, वार्तालाप तथा पुस्तकों के अध्ययन- अध्यापन आदि के माध्यमों से संस्कृत संभाषण तथा भाषा का अध्ययन कराया जाएगा।

संस्कृत अध्ययन केन्द्र के केन्द्राधिकारी डॉ आर एन चौरसिया ने केन्द्र के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि नामांकन लेने वाले सभी व्यक्तियों को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा तैयार 2,000 रुपए मूल्य की उच्च स्तरीय पांच पुस्तकें- वर्णमाला, वाक्यव्यवहार:, वाक्यविस्तार:, सम्भाषणम् तथा परिशिष्टम् अध्ययन हेतु निःशुल्क दिए जाते हैं, ताकि उन्हें आसानी से संस्कृत भाषा का ज्ञान हो सके तथा सरलता से संस्कृत में बातचीत भी कर सकें। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र में नामांकन लेकर कोई भी व्यक्ति काफी लाभ उठा सकते हैं। संस्कृत भाषा एवं साहित्य हमारी धरोहर के रूप में है, जिसे प्रचारित- प्रसारित करना परम आवश्यक है। वहीं धन्यवाद ज्ञापन जेआरएफ एवं शोधार्थी रीतु कुमारी ने किया।

 

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