
दरभंगा। बोधगया में आइएपी के कम्यूनिटी पेडियाट्रिक्स के प्रथम एशियन कांग्रेस के प्रथम दिन आइएपी की प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉ नीलम मोहन ने कहा भारत आज एक चौराहे पर खड़ा है जहा कुपोषण,संक्रमाक रोगों के साथ लाइफ स्टाइल डिज़ीज जैसे मोटापा, डायबिटीज और हाइपरटेंशन के राह एक साथ खुले हैं। साइंस,वैज्ञानिकों ने दवा, वैक्सीन के द्वारा मृत्यु दर तो कम कर दिया, पर हमें शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में उन्हें ईश्वर द्वारा प्रदत्त संपूर्ण क्षमता प्राप्त करने करना सुनिश्चित करना है। उन्हें सिर्फ लाइव नहीं थ्राइव भी करना है। इसके के लिए हमें हर स्तर पर पोषण पर ध्यान देना होगा। शिशु के किसी कारण से शिशुरोग विशेषज्ञ के पास लाए जाने पर उसके सभी संभव कमियों और रोगों का निदान करना होगा। हर विजिट पर ग्रोथ चार्ट जरूर भरना होगा जिससे ससमय मदद द्वारा शिशु सही थ्राइव कर सकें। डॉ नीलम मोहन ने ये विचार डॉ विजय जैन औरेशन के दौरान व्यक्त किए। ज्ञातव्य हो डॉ नीलम मोहन ने कहा अब तक भारत में सबसे ज्यादा लीवर ट्रांसप्लांट किया है। आईएपी पूर्व अध्यक्ष डॉ उदय बौद्धंकर ने आदर्श पेरेंटिंग पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों के संपूर्ण विकास में अनुवांशिक फैक्टर के अलावा पेरेंटिंग का महत्वपूर्ण स्थान है। यद्यपि परिवार के अन्य सदस्यों, स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाएं, मित्रों और बदलती हुई सामाजिक व्यवस्था के अलावा जीवन के सुखद और दुखद दोनों तरह की घटनाओं की जगह होती है। माता-पिता को 6 वर्ष की उम्र तक अभिभावक, 12 वर्ष तक रोल मॉडल तथा उसके बाद मित्र के रूप में कार्य करना चाहिए। अभिभावकों को बच्चों की बातें पहले सुनना और उनके साथ मित्रवत व्यवहार करना उनके आदर्श विकास के लिए राह बनाते हैं। डॉ निगम प्रकाश नारायण ने बच्चों में बढ़ती हुई मोटापे और डॉक्टर यशवंत पाटिल ने नॉन कम्युनिकेबल डिजीज की समस्या और उनके बचाव पर अपने विचार व्यक्त किया। डॉ ए के जायसवाल ने हिडन हंगर पर चर्चा करते हुए कहा कि माइक्रोन्यूट्रिएंट जैसे कि विटामिन ए जिंक और आयरन की कमी बच्चों के विकास में बाधक हैं। जयपुर से आए डॉ आलोक गुप्ता ने बच्चों में प्रदूषण के बढ़ते हुए दुष्परिणाम पर चर्चा की।
वक्ताओं में डॉ के पी साराभाई, डॉ राकेश कुमार,डॉ अनूप वर्मा, डॉ अरुण कुमार अग्रवाल, डॉक्टर विनोद कुमार सिंह,डॉ चंदन कुमार सिंह एवं डॉ राजनीति प्रसाद प्रमुख थे। डॉक्टर के एन मिश्रा,डॉ ओम प्रकाश,डॉ एस ए कृष्णा,डॉ शीला सिंन्हा,डॉ भूपेंद्र कुमार,डॉ रश्मि अग्रवाल, डॉ अनिल तिवारी, डॉक्टर सत्येंद्र शंकर, डॉ नीलम वर्मा सहित अन्य ने विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की।