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मंगलमय दिन आजु हे पाहुन छथि आयल, धन्य-धन्य जागल भाग हे मन कमल फुलायल : प्रधानाचार्य प्रो. शंभू कु. यादव

चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव में भाग लेने एमएलएसएम कॉलेज की टीम को प्रधानाचार्य ने किया रवाना

दरभंगा : स्थानीय महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय, दरभंगा में प्रधानाचार्य प्रो. शंभू कुमार यादव ने 20 सदस्यीय छात्रों की टोली को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव में भाग लेने के लिये आज महाविद्यालय से विदा किया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. शंभू कुमार यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि इससे बड़ा हर्षित वेला और क्या हो सकती है, जब मिथिला की पावन धरा पर विद्वानों का समागम होने जा रहा है। इतिहास गवाह है कि सनातन काल से ही मिथिला विद्वानों का धरा रहा है। मान्यताओं के अनुसार जो धरती मंडन मिश्र व शंकराचार्य के बीच 42 दिनों के शास्त्रार्थ का साक्षी बना हो, जहां स्वयं भगवान शंकर उगना बनकर विद्यापति के घर सेवक बनकर वर्षों रहे हों, उस पावन धरा के अधीन स्थानीय कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रांगण में तीन दिवसीय ऐतिहासिक चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव का बिहार की धरा पर पहली बार आयोजन होने जा रहा है, जिसका आज बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर साहब विधिवत शुभारंभ करेंगे। इसमें बिहार के सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों के साथ-साथ केंद्रीय विश्वविद्यालय, आईआईटी, एनआईटी, कृषि आदि विश्वविद्यालय के कुलपति भी एक साथ एक मंच पर शिरकत करने जा रहे हैं जो मिथिला ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार के लिये गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि वह सभी छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय परिवार की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं। सभी इस कार्यक्रम में भाग लें, अपने ज्ञान-विज्ञान को बढ़ाएं, नव आयाम प्राप्त करें और महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय का नाम रौशन करें।

इस अवसर पर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रथम डॉ. सुबोध चंद्र यादव, द्वितीय डॉ. कुमार नरेंद्र नीरज, डॉ. सुधीर कुमार सहित परीक्षा नियंत्रक डॉ. नंद किशोर झा उपस्थित थे।

 

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