डेस्क : इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने एक बयान में कहा कि उसने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के एक सीनियार कमांडर पर हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई. बीते शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि हिज्बुल्लाह के दक्षिणी मोर्चे के हेडक्वॉर्टर के लॉजिस्टिक कमांडर अब्बास हसन कार्की (Abbas Hassan Karky) दक्षिणी लेबनान के नबातीह (Nabatieh) इलाके में मारे गए.
कार्की पर हमला क्यो? न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्की ने दावा किया कि हाल के महीनों में हिज्बुल्लाह की युद्धक क्षमताओं को रिबिल्ड करने की कोशिशों का नेतृत्व किया था. आईडीएफ के मुताबिक, कार्की ने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह की क्षमताओं के पुनर्निर्माण के प्रयासों का नेतृत्व किया और उन्हें आगे बढ़ाया; पिछले साल लड़ाई के दौरान तबाह हुए बुनियादी ढांचे को बहाल किया. “वो संगठन के फोर्ट स्ट्रक्चर को फिर से स्थापित करने और दक्षिणी लेबनान में हथियारों के ट्रांसफर और स्टोरेज के मैनेजमेंट के लिए भी जिम्मेदार थे.”
कार को बनाया निशाना लेबनान की नेशनल न्यूज एजेंसी ने बताया कि शुक्रवार को दक्षिणी लेबनान में एक सड़क पर एक गाड़ी को निशाना बनाकर इजरायली हवाई हमले में अब्बास हसन कार्की की मौत हो गई. एक लेबनानी सुरक्षा सूत्र ने सिन्हुआ को कंफर्म किया कि कार्की हिज्बुल्लाह का एक अधिकारी था, हालांकि उसने कोई और जानकारी नहीं दी. लेबनान के मीडिया के मुताबिक, कराकी, दक्षिणी मोर्चे के पूर्व प्रमुख अली कराकी (Ali Karaki) के रिश्तेदार थे, जिनकी पिछले साल हिज्बुल्लाह के लंबे समय से नेता रहे हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) के साथ हत्या कर दी गई थी.
4 लोगों की मौत कराकी की हत्या इजरायल द्वारा लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हमले करने के ऐलान के एक दिन बाद हुई, जिसमें हथियारों का एक भंडार और एक ट्रेनिंग कैंप शामिल है. लेबनानी अधिकारियों ने बताया कि एक बुजुर्ग महिला सहित 4 लोग मारे गए.
“सीजफायर का उल्लंघन नहीं”इजरायल ने बुधवार को दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के एलीट राडवान फोर्ट के एक प्लाटून कमांडर की हत्या की भी घोषणा की, उस पर हथियार ले जाने और भविष्य के हमलों की योजना बनाने का आरोप लगाया. दोनों ही मामलों में, शुक्रवार की तरह, इजरायल ने कहा कि लक्ष्य की मौजूदगी या कार्रवाई सीजफायर का उल्लंघन है.
कब से लागू है सीजफायर?हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच सीजफायर 27 नवंबर, 2024 से इफेक्टिव है, जिससे गाजा युद्ध के कारण शुरू हुए संघर्षों पर काफी हद तक रोक लग गई है. हालांकि, इजरायली सेना हिज्बुल्लाह के “खतरों” के खिलाफ अभियानों का हवाला देते हुए लेबनान में कभी-कभार हमले करती रहती है, जबकि लेबनानी सीमा पर 5 अहम ठिकानों पर सेना तैनात है.
