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सड़कों के गलत निर्माण पर उच्च न्यायलय ने रोक लगाई

 

 

 

पवन कुमार सुरेका, अध्यक्ष, दरभंगा चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्रीज

दरभंगा। पिछले लंबे समय से दरभंगा शहर में सड़कों और नालियों का निर्माण हो रहा है। कहने को तो शहर का कायाकल्प हो रहा है,मजबूत चौड़ी सड़कें और नालियां बन रही है लेकिन वस्तुस्थिति इससे भिन्न है। दुनिया का यह एक ऐसा अजूबा शहर है। जहां सड़कें लोगों के मकान के लेबल से ऊंची और नालियां सड़कों के लेबल से ऊंची बनाई जा रही है।ना जाने किन विशेष ज्ञानियों की सलाह पर यह अजूबा निर्माण किया जा रहा है। पवन कुमार सुरेका ने कहा हाल यह है के आज के बीस वर्ष पहले जिनके मकान और दुकान का भूतल सड़क से 4-6 फीट ऊंचे थे। आज वे अधिकतर सड़क से नीचे आ गए हैं। अर्थात पानी बरसने पर पहले आपके मकान, दुकान में पानी घुसेगा,उसका स्तर ऊंचा होने पर वह सड़क पर बहेगा और सड़क के डूब जाने पर नालियों में जायेगा।

इस समस्या पर यहां की जनता ने अपना बहुत विरोध जताया, सरकार से गुहार लगाई।दरभंगा चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्रीज ने स्थानीय प्रशासन को अपनी चिंता और समस्या से अवगत करवाया।लेकिन कोई निदान नहीं निकला।

चैंबर के अध्यक्ष पवन कुमार सुरेका,प्रधान सचिव सुशील कुमार जैन, उपाध्यक्ष कृष्णदेव साह,कोषाध्यक्ष मुकेश खेतान, सचिव अभिषेक चौधरी एवं उक्त कार्य विशेष हेतु प्रतिनियुक्त मुकुंद बैरोलिया ने संयुक्त रूप से बताया परिस्थितियों से विवश होकर चैंबर ने उच्च न्यायालय की शरण ली।न्यायालय के समक्ष उनके पूर्व के आदेश दिनांक 19.04.10 और 16.05.13 का हवाला दिया और प्रसन्नता की बात है न्यायालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए सड़क और नालों के निर्माण पर तत्काल रोक लगा दी है। पूर्व में न्यायालय का यह स्पष्ट आदेश था की सड़क निर्माण के समय जितनी मोटी ढलाई की जानी है उतनी मोटी परत पहले सड़क की छिली जाय। चैंबर ने न्यायालय के पूर्व के इसी आदेश को आधार बनाया था।अब न्यायालय ने प्रशासन से उनका जवाब मांगा है के वे बताएं की क्या निर्माण कार्य में न्यायालय के पूर्व के आदेश का अनुपालन किया गया है। आशा है कि अब घरों के भूस्तर से ऊपर हो रहे सड़कों के निर्माण की समस्या से शहरवासियों को राहत मिलेगी। दरभंगा शहर में सड़कों,नालियों का निर्माण हो रहा है।कहने को तो शहर का कायाकल्प हो रहा है,मजबूत चौड़ी सड़कें और नालियां बन रही है लेकिन वस्तुस्थिति इससे भिन्न है।दुनिया का यह एक ऐसा अजूबा शहर है जहां सड़कें लोगों के मकान के लेबल से ऊंची और नालियां सड़कों के लेबल से ऊंची बनाई जा रही है। ना जाने किन विशेष ज्ञानियों की सलाह पर यह अजूबा निर्माण किया जा रहा है।हाल यह है कि आज के बीस वर्ष पहले जिनके मकान और दुकान का भू तल सड़क से 4-6 फीट ऊंचे थे आज वे अधिकतर सड़क से नीचे आ गए हैं।अर्थात पानी बरसने पर पहले आपके मकान और दुकान में पानी घुसेगा, उसका स्तर ऊंचा होने पर वह सड़क पर बहेगा और सड़क के डूब जाने पर नालियों में जायेगा। इस समस्या पर यहां की जनता ने अपना काफी विरोध जताया, सरकार से गुहार लगाई। दरभंगा चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्रीज ने स्थानीय प्रशासन को अपनी चिंता और समस्या से अवगत करवाया।लेकिन कोई निदान नहीं निकला। चैंबर के अध्यक्ष पवन कुमार सुरेका, प्रधान सचिव सुशील कुमार जैन,उपाध्यक्ष, कृष्णदेव साह, कोषाध्यक्ष मुकेश खेतान,सचिव अभिषेक चौधरी एवं उक्त कार्य विशेष हेतु प्रतिनियुक्त मुकुंद बैरोलिया ने संयुक्त रूप से बतलाया कि परिस्थितियों से विवश होकर चैंबर ने उच्च न्यायालय की शरण ली।न्यायालय के समक्ष उनके पूर्व के आदेश 19.04.10 और 16.05.13 का हवाला दिया और प्रसन्नता की बात है की न्यायालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए सड़क और नालों के निर्माण पर तत्काल रोक लगा दी है। पूर्व में न्यायालय का यह स्पष्ट आदेश था कि सड़क निर्माण के समय जितनी मोटी ढलाई की जानी है उतनी मोटी परत पहले सड़क की छिली जाय।चैंबर ने न्यायालय के पूर्व के इसी आदेश को आधार बनाया था।अब न्यायालय ने प्रशासन से उनका जवाब मांगा है कि वे बताएं कि क्या निर्माण कार्य में न्यायालय के पूर्व के आदेश का अनुपालन किया गया है। आशा है अब घरों के भूस्तर से ऊपर हो रहे सड़कों के निर्माण की समस्या से शहरवासियों को राहत मिलेगी।

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