गौर (बस्ती)। गोनहा गांव में मसालेदार चना खाने से फूड प्वाइजनिंग का दायरा बढ़ता जा रहा है। बुधवार को आठ और बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। गांव में मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी को मेडिकल कॉलेज कैली भेजा।कैली हॉस्पिटल में 12 बच्चे भर्ती हैं। दो को मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया।संक्रमण की चपेट में आई प्रिया और अनमोल के पिता बुधिराम चौधरी ने बताया कि सुबह बच्चों को उल्टी हुई थी और पेट में दर्द हो रहा था। शाम को बच्चों के पेट में दर्द और बुखार की समस्या बनी हुई है। गांव वालों ने बताया कि स्वास्थ्य टीम ने लोगों के खून का सैंपल लेने के बाद गांव की नालियों में छिड़काव कराया और चली गई है। जिन बच्चों की तबीयत बिगड़ी है, उनमें कार्तिक (6) पुत्र ठाकुर प्रसाद, उत्कर्ष (7) आयरन (13) पुत्र राकेश कुमार, प्रिया (11) अनमोल (8) पुत्र बुधिराम चौधरी, अथर्व (8) पुत्र सुनील कुमार, हिमांशु (13) पुत्र महेंद्र कुमार, अभी (10) सुनील कुमार सभी को कैली अस्पताल में भर्ती कराया गया है।सीएचसी अधीक्षक डॉ भास्कर यादव ने बताया कि कुछ और बच्चे फूड प्वाइजनिंग की चपेट में आए है। बच्चों की हालत ठीक न होने पर रेफर किया गया है। इससे पहले प्रभावित 17 अन्य बच्चों में से छह की हालत नाजुक है। इनमें चार बच्चे बुधवार को सुबह कैली अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। उनमें लक्ष्य (11) और अंकुश (8) को गंभीर हालत में बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर किया गया है।उन्होंने बताया कि कुल 17 बच्चे संक्रमित हुए थे। उनमें से 11 को उपचार के बाद घर भेज दिया गया था। आठ बच्चों को फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में कैंप लगाकर 33 लोगों के खून का सैंपल लिया है। नालियों व कुओं में छिड़काव कराने के साथ ही ग्रामीणों को संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक किया।
बता दें कि सोमवार देर शाम दुर्गा पंडाल के पास एक व्यक्ति बाइक से मसालेदार चना बेच रहा था। गांव के बच्चों ने चना खाया। कुछ ही देर बाद पेट दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत शुरू हो गईहालात बिगड़ने पर मंगलवार को सात बच्चों को गौर सीएचसी लाया गया। वहां से छह को हालत गंभीर होने पर रेफर किया गया था।