डेस्क : मंगलवार को घोषित सीबीएसई की दसवीं परीक्षा फर्स्ट डिविजन पास करने वाले छात्र शौर्य वर्मा (14) ने बुधवार सुबह घर के कमरे में नायलोन की रस्सी से फंदा लगा कर जान दे दी। सुबह उसे जगाने पहुंची मां ने बेटे के कमरे को खुलवाने के लिए खटखटाया लेकिन वो नहीं खुला।
इसके बाद परिवार और पड़ोसियों की मदद से दरवाजे को तोड़ा तो फंदे के सहारे पंखे के कुंडे से बेटे को लटका देखा तो उनकी चीख निकल गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। परिजनों के अनुसार वह एक दिन पहले रस्सी खरीदकर लाया था। पूछने पर जरूरी काम होने की बात कहकर टाल गया था। आत्महत्या के कारण स्पष्ट नहीं हैं।
काकादेव के हितकारीनगर निवासी ओम प्रकाश शर्मा वेलफेयर मिशन स्कूल में शिक्षक हैं। परिवार में पत्नी रमा और तीन बेटे लव, अंशुमान व सबसे छोटा बेटा शौर्य था। बड़ा बेटा लव एयरफोर्स में इंजीनियर हैं, जिनका पहलगाम में आतंकी घटना के बाद जम्मू तबादला हो गया है। मझला बेटा एक स्कूल में शिक्षक है। शौर्य ने एक दिन पहले ही सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा पास की है। पिता ने बताया कि मंगलवार रात बेटा उनके साथ ही सोया था, मगर हर समय आध्यात्मिक बातें करने वाला शौर्य पहली बार रात में शांत रहा। सुबह उसके जगने से पहले वह स्कूल चले गए थे। वहीं, फोन पर सूचना मिली की शौर्य का कमरा अंदर से बंद हैं। पीटने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है। पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़कर लोग अंदर घुसे तो देखा वह फंदे से लटका था।
पापा ये दुनिया हमारे लिए नहीं है….
पिता के अनुसार तीन दिन पहले ही बेटे ने कहा कि पापा यह दुनिया हमारे लिए नहीं है। उस समय नहीं पता था कि इसने कोई और तैयारी कर ली है। कई दिनों से वह शांत भी रह रहा था। धार्मिक और ऐतिहासिक किताबें पढ़कर समय बिताता था। उसे गीता की पूरी जानकारी थी। उसे मोबाइल का शौक नहीं था न ही दोस्तों संग मौज-मस्ती करना पसंद था। पार्क के एक कोने में अकेले बैठकर चिंतन करना, रामायण, गीता और ऐतिहासिक पुस्तकें पढ़ने में उसकी। चाचा धर्मेंद्र व राजेंद्र भी अपने परिवार के साथ उसी मकान में रहते हैं। राजेंद्र ने बताया कि घटना के समय घर में सिर्फ महिलाएं ही थीं। शौर्य को फंदे से उतारकर निजी हॉस्पिटल ले गए। जहां डाॅक्टर ने मृत घोषित कर दिया।