डेस्क : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसारन वैली में हुआ हालिया आतंकी हमला पूरे देश को हिला गया है. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अब जांच एजेंसियों ने इस हमले के पीछे एक बड़ा नाम उजागर किया है – लश्कर-ए-तैयबा का सरगना और 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद.
सूत्रों के मुताबिक, यह हमला लश्कर के एक पुराने और खतरनाक मॉड्यूल ने अंजाम दिया, जिसमें विदेशी आतंकियों के साथ स्थानीय सहयोगी भी शामिल थे. इस मॉड्यूल की कमान खुद हाफिज सईद और उसका करीबी सैफुल्लाह पाकिस्तान से संभाल रहे थे. इस बात की पुष्टि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने की है.
बताया जा रहा है कि यह पूरा प्लान पाकिस्तान में बैठकर तैयार किया गया. ISI यानी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से भी इस मॉड्यूल को मदद मिली. ये आतंकी पहले भी कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में हमले कर चुके हैं – जैसे सोनमर्ग, बूटा पात्री और गांदरबल. इस ग्रुप में विदेशी आतंकियों के अलावा घाटी के कुछ लोकल आतंकी और ओवरग्राउंड वर्कर भी शामिल थे.
इन हमलों के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दिसंबर 2024 में डाचीगाम में मुठभेड़ के दौरान इस मॉड्यूल के मुख्य सदस्य जुनैद अहमद भट्ट को मार गिराया. हालांकि उसके बाकी साथी जंगलों में छिपकर फरार हो गए.
बैसारन घाटी में आतंकियों ने तीन अलग-अलग जगहों पर हमला किया. एक जगह पर 5 लोगों को एकसाथ गोली मारी गई, वहीं दो लोगों को खुले मैदान में मार दिया गया. कुछ को बाड़ के पास निशाना बनाया गया. जो लोग भागने में सफल रहे, वे बच गए. चश्मदीदों के मुताबिक, हमलावरों ने लोगों से उनका धर्म पूछा और फिर अचानक गोलियां चलाने लगे.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस हमले से जुड़े तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं. इनमें दो पाकिस्तानी — हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा — और एक कश्मीरी निवासी अनंतनाग के अब्दुल हुसैन ठोकर शामिल हैं. इनकी गिरफ्तारी में मदद करने वालों को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सुरक्षा समिति की बैठक के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए:
दोनों देशों में दूतावास के स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई है.
पाक उच्चायोग में तैनात सभी सैन्य अधिकारी भारत छोड़ेंगे.
भारत ने अपने सभी सलाहकारों को इस्लामाबाद से बुला लिया है.
SAARC वीज़ा छूट योजना को पाकिस्तान के लिए सस्पेंड कर दिया गया है, और वीज़ा धारकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने के आदेश दिए गए हैं.
अटारी-वाघा बॉर्डर अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है.
सिंधु जल संधि को भी भारत ने सस्पेंड कर दिया है.