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दरभंगा : संस्कृत विवि में की गई कश्मीर के सामूहिक नरसंहार की भर्त्सना

पोप के निधन पर भी शोक

दरभंगा। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों की नृशंस हत्या की संस्कृत विश्वविद्यालय परिवार ने गुरुवार को कड़े शब्दों में घोर निंदा की है। दरबार हॉल में कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित शोक सभा के दौरान सभी कर्मियों ने समवेत रूप से पीड़ित संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना भी व्यक्त की। मौके पर ईश्वर से प्रार्थना की गई कि शोकाकुल परिजनों को धैर्य धारण का सम्बल प्रदान करे। शोक संदेश में कहा गया कि निहत्थे सपूतों पर आतंकवादियों ने कायरतापूर्ण कार्रवाई की है जो सभी दृष्टि से निंदनीय है। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि
इसी क्रम में पोप फ्रांसिस के निधन पर भी शोक संवेदनाएं व्यक्त की गई। कुलसचिव प्रो. ब्रजेश पति त्रिपाठी द्वारा जारी शोक संदेश में कहा गया कि
परम पूज्य पोप फ्रांसिस विश्वभर में सम्मानित मानवतावादी एवं प्रगतिवादी धर्मगुरू थे । उनके निधन से विश्व स्तर पर अपूरणीय क्षति हुई है। ऐसे में विश्वविद्यालय परिवार आशा करता है कि उनके मानवतावादी एवं सद्भावनावादी विचारों का अनन्त काल तक प्रसार होता रहेगा। दिवंगत सभी आत्माओं की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शोक संदेश ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ.कुणाल कुमार झा तथा व्याकरण विभागाध्यक्ष प्रो. दयानंद झा ने वाचन किया। कुलपति प्रो.लक्ष्मीनिवास पाण्डेय, कुलसचिव प्रो.ब्रजेश पति त्रिपाठी, वित्त परामर्शी इन्द्र कुमार, डीन डॉ.शिवलोचन झा, प्रो.दिलीप कुमार झा, डॉ.पवन कुमार झा, डॉ.घनश्याम मिश्र, डॉ . दीनानाथ साह, डॉ.सुनील कुमार,डॉ उमेश झा, डॉ.रामसेवक झा, डॉ अनिल झा, डॉ रविन्द्र कुमार मिश्र, सुनील कुमार सहित पीजी , शिक्षा शास्त्र विभाग के प्राध्यापक, पदाधिकारी कर्मचारी एवं छात्र -छात्राएं उपस्थित थे।

कर्मचारियों की मांग जायज : कुलपति

कहा- सोमवार को होगी समीक्षा

अपनी लंबित राशि के भुगतान समेत अन्य मांगों की पूर्ति के लिए पिछले तीन दिनों से असहयोग आंदोलन कर रहे संस्कृत विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय ने भी समर्थन किया है। उन्होंने कर्मचारियों से साफ शब्दों में कहा कि सिर्फ मांग करने से उसकी पूर्ति नहीं हो जाएगी बल्कि उसके निमित्त अन्य विभागीय कार्यो को भी निबटाना होगा तभी समस्याओं का हल सम्भव है। उन्होंने कहा कि कल से यानी शुक्रवार से आप सभी अपने अपने कार्यों को सम्पादित करें और सोमवार को पुनः मांग सम्बन्धी कार्यो की प्रगति की समीक्षा कर निदान निकाल लिया जाएगा। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि कुलपति प्रो0 पांडेय ने कहा कि कर्मचारियों की मांग जायज है और उसपर अमल भी जरूरी है। इसी क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारी विश्वविद्यालय के प्रमुख अंग होते हैं। इनकी तत्परता व समर्पण से ही ससमय कार्यों का सम्पादन सम्भव है। कुलपति ने उम्मीद जताई कि सभी कर्मी पूर्व की भांति अपने कार्यो को करेंगे।

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