डेस्क : सरकार ने बुधवार को फ्रांस से करीब 64,000 करोड़ रुपये की लागत से नौसेना के लिए 26 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी. रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि इस खरीद परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) ने मंजूरी दे दी है. भारत और फ्रांस के बीच अंतर-सरकारी रूपरेखा के तहत अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के लगभग पांच साल बाद जेट विमानों की खेप भेजने की शुरुआत होगी.
इस सौदे के तहत, भारतीय नौसेना को राफेल (मरीन) जेट विमानों के निर्माता दसॉल्ट एविएशन से हथियार प्रणालियों और कलपुर्जों सहित संबद्ध सहायक उपकरण भी मिलेंगे. जुलाई 2023 में, भारत और फ्रांस ने जेट और हेलीकॉप्टर इंजन के संयुक्त विकास सहित कई महत्वपूर्ण रक्षा सहयोग परियोजनाओं की घोषणा की. दोनों रणनीतिक साझेदारों ने अन्य देशों के लिए उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और सह-उत्पादन में सहयोग करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की थी.
लगभग दो साल पहले मंत्रालय ने फ्रांस से तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद को भी मंजूरी दे दी थी. हालांकि, सीसीएस ने अभी तक इस परियोजना को मंजूरी नहीं दी है. भारतीय नौसेना की ‘परियोजना 75’ के तहत, फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा भारत में पहले ही छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण किया जा चुका है.