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दरभंगा : सीएम कॉलेज के एनसीसी तथा आईक्यूएसी ने ‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’ पर किया व्याख्यानमाला का आयोजन 

भारतवर्ष सनातन धर्म का मूल केन्द्र, जहां स्वच्छता को दिया जाता है सर्वाधिक महत्व- प्रधानाचार्य प्रो. मुश्ताक अहमद

स्वच्छता सिर्फ विचार नहीं, बल्कि आंतरिक गुण एवं हमारी जीवनशैली जो मानव विकास की है आधारशिला- डॉ. चौरसिया

दरभंगा : सीएम कॉलेज, दरभंगा के 2/8 कंपनी, एनसीसी एवं कॉलेज- आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में चार दिवसीय ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कार्यक्रम ‘स्वभाव स्वच्छता- संस्कार स्वच्छता’ पर व्याख्यानमाला का उद्घाटन सत्र सेमिनार हॉल में प्रधानाचार्य प्रो. मुश्ताक अहमद की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि 8 बिहार बटालियन, एनसीसी, दरभंगा के सूबेदार मेजर मदन तमांग, मुख्य वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय- एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आरएन चौरसिया, विशिष्ट वक्ता डॉ. आशीष कुमार बरियार, हिन्दी की प्राध्यापिका एवं विशेष वक्ता डॉ. बिन्दु चौहान, कार्यक्रम के संयोजक एवं स्वागत कर्ता लेफ्टिनेंट डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव, धन्यवाद कर्ता एवं कॉलेज के एनएसएस पदाधिकारी डॉ. अभिमन्यु कुमार एवं संचालक द्वय- कैडेट रोशन कुमार तथा आदित्य झा आदि ने विचार व्यक्त किये।

अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य प्रो. मुश्ताक अहमद ने कहा कि कॉलेज में एनसीसी जीवंत है और लगातार परेड सहित सक्रियतापूर्वक कार्यक्रम आदि भी आयोजित कर रहा है। स्वच्छता हमारे सोच के साथ ही कार्य रूप में भी व्यक्त होना चाहिए। सभी धर्मों में स्वच्छता का पालन किया जाता रहा है। उन्होंने स्वच्छता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतवर्ष सनातन धर्म का मूल केन्द्र है, जहां स्वच्छता को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है। अपने कर्तव्य का बोध करते हुए स्वच्छता अभियान में सभी व्यक्ति को शामिल होना चाहिए, क्योंकि यह शैक्षणिक एवं सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

मुख्य अतिथि सूबेदार मेजर मदन तमांग ने कहा कि अगर आपके जीवन में स्वच्छता का संस्कार नहीं है तो स्वस्थ समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। मुख्य वक्ता डॉ. आरएन चौरसिया ने कहा कि स्वच्छता सिर्फ विचार नहीं, बल्कि हमारा आंतरिक गुण एवं हमारी जीवन-शैली है जो मानव विकास की महत्वपूर्ण आधारशिला भी है। हमारे समाज में स्वच्छता की लंबी परंपरा रही है जो हमारी संस्कृति एवं संस्कार में रची बसी है। स्वच्छता एवं स्वास्थ्य में अन्योन्याश्रय एवं अटूट संबंध है। गंदगी हमारे देश के आर्थिक विकास के लिए गंभीर चुनौती है, जिसका कुप्रभाव स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन एवं सकल उत्पादकता पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि हमारा समाज स्वच्छ नहीं होगा तो उसका विकास भी अधूरा ही माना जाएगा। विशेष वक्ता डॉ. बिन्दु चौहान ने स्वच्छता को अपने स्वभाव में शामिल कर अगली पीढ़ी को सीख देने का आह्वान करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति एवं संस्कार में स्वच्छता आंतरिक रूप से समाहित है।

आगत अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम संयोजक डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने, जबकि धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस पदाधिकारी डॉ. अभिमन्यु कुमार ने किया। कार्यक्रम में 85 कैडेट्स ने भाग लिया, जिसमें सीनियर अंडर ऑफिसर राजगोपाल, अंडर ऑफिसर आदित्य झा और कैडेट विभा आदि ने अपना विशेष सहयोग प्रदान किया। अतिथियों का स्वागत पाग एवं चादर से किया गया, जबकि कार्यक्रम का प्रारंभ एनसीसी गीत- हम सब भारतीय हैं… से हुआ। एनसीसी पदाधिकारी डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि स्वच्छता- व्याख्यानमाला के उद्घाटन सत्र में भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे अमृतकाल पर विशेष रूप से चर्चा की गई। आगामी 28 सितंबर को आयुष्मान भारत पर चर्चा की जाएगी, वहीं 29 सितंबर को मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के राष्ट्रीय स्तर के विद्वान ऑनलाइन माध्यम से खुले में शौच मुक्त भारत पर अपना व्याख्यान देंगे, जबकि 30 सितंबर को इस व्याख्यानमाला के समापन के बाद 1 अक्टूबर, 2024 को एक जन जागरूकता रैली निकाली जाएगी, जिसका विषय ‘श्रमदान-स्वच्छ परिवेश में’ रखा गया है।

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