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झारखंड : ED का एक्शन जारी, सचिव के नौकर के बाद अब बिजनेस पार्टनर के यहां मिला नोटों का जखीरा

डेस्क : झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में फिर से ईडी (ED) की कार्रवाई के दौरान मंत्री के ओएसडी (OSD) के बिजनेस पार्टनर (business partner’s) के ठिकाने से भारी मात्रा में कैश (Cash) बरामद हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को ईडी की टीम ने रांची के पीपी कंपाउंड में मुन्ना सिंह के ठिकानों पर दबिश दी, जहां से 3 करोड़ रुपये कैश मिला है. बताया जा रहा है कि मुन्ना सिंह झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) के ओएसडी संजीव लाल का करीबी है और उनका बिजनेस पार्टनर भी रहा है.

बता दें, रांची में ईडी की टीम आज सुबह से 3 से 4 लोकेशन में छापेमारी कर रही है. जानकारी के अनुसार ईडी ने रांची के सेल सिटी और बरियातू इलाके में रेड मारी है. बताया जा रहा है कि सेल सिटी में पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर विकास कुमार के आवास पर छापेमारी हुई है. ईडी की यह कार्रवाई विरेंद्र राम से जुड़े मामले में छापेमारी से जुड़े होने की बात सामने आ रही है.

इससे पहले सोमवार को झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के सहायक के घर पर ईडी ने छापेमारी कर 20 करोड़ रुपये कैश बरामद किए हैं. जांच एजेंसी ईडी ने मौके पर नोटों को गिनने के लिए कई मशीनें भी बुलाई हैं. ईडी अभी भी बरामद कैश की गिनती कर रही है. प्रवर्तन निदेशालय रांची में कई जगहों पर छापेमारी कर रहा है. वीरेंद्र राम मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस – संजीव लाल के घरेलू सहायक से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई.

ईडी ने कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फरवरी 2023 में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के. राम को गिरफ्तार किया था. वहीं इस मामले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यह आलमगीर आलम का पैसा है, किसी दूसरे का नहीं है और गिनती 50 करोड़ से ऊपर की होगी. हेमंत सोरेन जेल में हैं, ये सिंडिकेट क्राइम है. ये बांग्लादेशियों को बुलाकर यहां की डेमोग्राफी बदल रहे हैं. झारखंड में अब राष्ट्रपति शासन के अलावा कोई और चारा नहीं है. सांसद संजय सेठ ने कहा कि मंत्री को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए. ईडी के अधिकारियों से कहना चाहता हूं की मंत्री को बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए. चुनाव आयोग से इस संबंध में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग है.

पिछले साल दिसंबर में भी झारखंड में बड़ी संख्या में कैश बरामदगी हुई थी. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कारोबारी धीरज साहू के ठिकानों से इनकम टैक्स ने 350 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद किया था. इसपर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि छापेमारी में जो कैश बरामद किया गया है, वो मेरी शराब की कंपनियों का है. शराब का कारोबाद नकदी में ही होता है और इसका कांग्रेस पार्टी से कोई संबंध नहीं है.

 

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