डेस्क : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कार्यकारी आदेश पर एक संघीय अदालत ने रोक लगा दी है, जिसमें उन्होंने अमेरिका में जन्मे बच्चों को नागरिकता का अधिकार खत्म करने की बात कही थी. इस आदेश को संविधान के 14वें संशोधन के खिलाफ बताया गया है. दरअसल, यह मामला वॉशिंगटन, एरिज़ोना, इलिनॉय और ओरेगन समेत 22 राज्यों और कई प्रवासी अधिकार संगठनों ने उठाया था. इनका कहना है कि 14वां संशोधन जन्म आधारित नागरिकता का अधिकार देता है, चाहे माता-पिता की नागरिकता या प्रवास की स्थिति कुछ भी हो.
संशोधन, जिसे 1868 में मंजूरी मिली थी, कहता है, “अमेरिका में जन्मे और यहां प्राकृतिक रूप से नागरिक बनने वाले सभी लोग अमेरिका और उस राज्य के नागरिक होंगे, जहां वे रहते हैं.”
ट्रंप के आदेश के अनुसार, गैर-नागरिक माता-पिता के बच्चों को नागरिकता नहीं मिलेगी. इसका असर उन हजारों बच्चों पर पड़ सकता है, जिनका जन्म अमेरिका में अवैध प्रवासियों के घर हुआ है. एक आंकड़े के मुताबिक, 2022 में लगभग 2.55 लाख बच्चों का जन्म ऐसे माता-पिता से हुआ, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे. ट्रंप के इस आदेश को फरवरी 2024 में लागू किया जाना था, लेकिन अब यह रोक के बाद टल गया है.
इस आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं में कई व्यक्तिगत कहानियां भी शामिल हैं. कनेक्टिकट के अटॉर्नी जनरल विलियम टॉन्ग ने इस पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा, “मैं खुद जन्म आधारित नागरिकता से अमेरिका का नागरिक हूं. ट्रंप का यह आदेश न सिर्फ गैर-कानूनी है बल्कि परिवारों को तोड़ने वाला भी है.”
गौरतलब है कि अमेरिका उन 30 देशों में शामिल है, जहां “जन्म भूमि के अधिकार” (jus soli) के आधार पर नागरिकता दी जाती है. अब यह देखना होगा कि ट्रंप के इस आदेश को अदालत में अंतिम रूप से क्या फैसला मिलता है.