भाषण प्रतियोगिता में श्वेता कुमारी- प्रथम, विवेकानंद पाठक- द्वितीय तथा आनंद कुमार ने लाया तृतीय स्थान
2050 तक 20 करोड़ आबादी के हिसाब से बिहार में डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित करना जरूरी- प्रधानाचार्य डॉ. बिनोद
2050 का बिहार ऐसा हो, जहां हर व्यक्ति स्वस्थ जीवन जिए और स्वास्थ्य सेवा सबके लिए सुलभ, सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण हो- डॉ. चौरसिया
‘स्वास्थ्य एवं 2050 का बिहार’ विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में 30 से अधिक विद्यार्थियों की हुई सहभागिता
दरभंगा : बिहार में दैनिक जागरण की रजत जयंती के अवसर पर विभिन्न विषयों पर आयोजित हो रही भाषण प्रतियोगिता के क्रम में आज मारवाड़ी महाविद्यालय, दरभंगा की एनएसएस इकाई के सहयोग से “स्वास्थ्य एवं 2050 का बिहार” विषय पर प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ बिनोद बैठा की अध्यक्षता में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कॉलेज के सेहत केन्द्र में किया गया, जिसमें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ आर एन चौरसिया- उद्घाटन कर्ता, बर्सर डॉ अवधेश प्रसाद यादव- मुख्य अतिथि, मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ अरविन्द झा एवं भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ अमित कुमार, निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ अनिरुद्ध सिंह एवं डॉ जितेन्द्र कुमार, एनएसएस पदाधिकारी डॉ सुनीता कुमारी, डॉ प्रिया नंदन, डॉ एस के झा, डॉ गजेन्द्र भारद्वाज, डॉ राजीव रंजन, डॉ चंदन भारद्वाज, डॉ संजय कुमार, डॉ जितेन्द्र कुमार, डॉ गोपाल चन्द्र ठाकुर, डॉ अमित सिंह, डॉ शकील अख्तर, डॉ राजेश रंजन, डॉ जीसी ठाकुर सहित 60 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन से, जबकि समापन राष्ट्रगान से हुआ। दैनिक जागरण परिवार की ओर से अतिथियों का स्वागत मोमेंटो से किया गया, जबकि भाषण प्रतियोगिता में श्वेता कुमारी- प्रथम, विवेकानंद पाठक- द्वितीय तथा आनंद कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जिन्हें सहभागिता एवं रैंक प्रमाण पत्र देकर तथा मेडल पहनाकर अतिथियों द्वारा हौसलाअफजाई किया गया। वहीं अन्य सभी प्रतिभागियों को दैनिक जागरण की ओर से सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. बिनोद बैठा ने कहा कि स्वास्थ्य ही वास्तविक धन है, जिसके बिना दुनिया की सारी चीज बेकार हैं। छात्रों को अच्छी पढ़ाई के लिए स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। आज मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग ने लोगों को आलसी एवं तनावग्रस्त बना दिया है, जिससे बचने के लिए खेल- कूद, आसन- प्राणायाम, दौड़- पैदल चलना तथा छोटे-मोटे काम करते हुए सक्रिय रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह बिहार की जनसंख्या बढ़ रही है, उसे हिसाब से 2050 तक करीब 20 करोड़ आबादी के लिए बिहार में डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित करना जरूरी होगा। आज बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं तथा डॉक्टर जरूरत से कम हैं, इन्हीं कमियों के कारण कोरोना काल में अत्यधिक जन हानि हुई थी।
उद्घाटन संबोधन में डॉ. आरएन चौरसिया ने कहा कि हमारे जीवन में स्वास्थ्य का सर्वाधिक महत्व है। यदि हमारा तन और मन स्वस्थ होगा, तभी हम अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। बीमार व्यक्तियों में न तो ऊर्जा होती है और न ही जीवन में उत्साह। अच्छे स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक एवं संतुलित आहार, स्वच्छ जल एवं शुद्ध वायु, नियमित आसन एवं प्राणायाम, नशे से दूरी, समुचित व्यायाम, नियमित स्वास्थ्य जांच तथा पर्याप्त नींद आदि सहायक हैं। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि 2050 का बिहार ऐसा होगा, जहां हर व्यक्ति स्वस्थ जीवन जिएंगे और स्वास्थ्य सेवाएं सबके लिए सुलभ, सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण होगी। अच्छा स्वास्थ्य हमारे जीवन की कार्य क्षमता एवं गुणवत्ता को बढ़ाता है। बीमार व्यक्ति के लिए यह धरती नरक बन जाती है। मानव जीवन में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की पूर्ति स्वस्थ व्यक्ति द्वारा ही संभव है। डॉ चौरसिया ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति से ही खुशहाल समाज एवं समृद्ध राज्य की कल्पना साकार हो सकता है। स्वास्थ्य का मतलब केवल बीमारी से मुक्त होना नहीं, बल्कि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक रूप से पूरी तरह फिट रहना है। शरीर की ताकत, मन की शक्ति और सामाजिक व्यवहार की सरलता- तीनों मिलकर संपूर्ण स्वास्थ्य बनते हैं।
मुख्य अतिथि डॉ. अवधेश प्रसाद यादव ने दैनिक जागरण द्वारा भाषण प्रतियोगिता आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इससे युवाओं को समाज के प्रति सोचने एवं कर्तव्य निर्वहन में मदद मिलेगा। छात्र-युवाओं को राष्ट्र की धरोहर बताते हुए कहा कि दरभंगा जिला के कॉलेजों में सिर्फ मारवाड़ी कॉलेज में ही सेहत केन्द्र की स्थापना की गई है। विशिष्ट अतिथि डॉ अरविन्द झा, मैथिली विभागाध्यक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य हमारी पहली प्राथमिकता है, क्योंकि बीमारी से हमारी आय का एक बड़ा हिस्सा इलाज में व्यय हो जाता है। उन्होंने नियमित जीवन शैली, व्यायाम, योग आदि को अपनाने तथा मैदा, रिफाइन एवं चीनी आदि का उपयोग कम करने का आह्वान किया। विशिष्ट वक्ता डॉ अमित कुमार, भौतिक विभागाध्यक्ष ने बताया कि यूएनओ के अनुसार 1000 व्यक्ति पर एक डॉक्टर होना चाहिए, पर बिहार में अभी 2100 जनसंख्या पर मात्र एक डॉक्टर ही कार्यरत हैं। हमें अपनी अगली पीढ़ी तक भारतीय परंपरा से प्राप्त आयुर्वेद, योग आदि ज्ञानों को पहुंचना होगा। 2050 तक विकसित बिहार बनाने में आयुर्वेद को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए। आगत अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम संचालन संयोजिका डॉ सुनीता कुमारी तथा धन्यवाद कर्ता डॉ गजेंद्र भारद्वाज ने स्वास्थ्य के महत्व तथा 2050 के बिहार पर विस्तार से प्रकाश डाला।
भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त श्वेता कुमारी ने स्वास्थ्य को परम धन बताते हुए कहा कि बिहार स्वास्थ्य के प्रति तेजी से आगे बढ़ रहा है। फिर भी यहां के प्रत्येक व्यक्ति को सतर्क एवं संवेदनशील रहना होगा, ताकि 2050 तक बिहार स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम राज्य बन सके। द्वितीय स्थान प्राप्त विवेकानंद पाठक ने कहा कि गांव ही बिहार की नींव है, जिसे स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस करना होगा। बिहार में बना पटना एम्स तथा दरभंगा में बन रहा नया एम्स बिहार की स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर बनाएगा। हमें स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूक, शिक्षित एवं संवेदनशील बना होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी 2050 बिहार के लिए नया सवेरा होगा, जिसके लिए हमें अभी से ही प्रयास करना होगा। तृतीय स्थान प्राप्त आनंद कुमार ने कहा कि बिहार में अभी की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं संतोषजनक नहीं हैं। हमें अपनी जीवन पद्धति को व्यवस्थित करना होगा तथा जनसंख्या एवं प्रदूषण को नियंत्रित करना होगा, तभी 2050 का बिहार स्वास्थ्य एवं सुंदर होगा।
अन्य प्रतिभागियों में चंदन कुमार, शुभेन्द्र कुमार, वागीशा रंजन, नंदनी कुमारी, अनिल कुमार, शुभ्रा झा, अंकित कुमार, कल्पना कुमारी, नंदिनी झा, दिव्यांश कुमार आदि ने स्वास्थ्य के महत्वों एवं 2050 के बिहार की कल्पना करते हुए कहा कि यदि सरकारी हॉस्पिटलों में बेहतर सुविधा उपलब्ध हो तो गरीबों एवं मजबूर लोगों को भी उत्तम स्वास्थ्य सुविधा मिल सकती हैं। हमें स्वयं के साथ ही आम लोगों के स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक होना चाहिए। 2050 के बिहार में गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था, डिजिटल स्वास्थ्य व्यवस्था, एआई विशेष सुविधा तथा 100% टीकाकरण संभव होगा। यदि हम सब मिलकर अभी से प्रयास करें तो 2050 का बिहार पूरी तरह स्वस्थ, शिक्षित एवं समृद्ध राज्य होगा।