डेस्क : अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जन्म के आधार पर नागरिकता (बर्थराइट सिटिजनशिप) को खत्म करने की घोषणा से वहां रह रहे भारतीय दंपतियों में हड़कंप मच गया है. Times of india की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यू जर्सी की एक मैटरनिटी क्लिनिक में कार्यरत डॉ. एस.डी. रामा ने बताया कि 20 जनवरी को इस फैसले की घोषणा के बाद से बड़ी संख्या में भारतीय महिलाएं प्री-टर्म डिलीवरी (समय से पहले सी-सेक्शन) कराने की मांग कर रही हैं. डॉ. रामा ने बताया कि ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था के आठवें या नौवें महीने में ही डिलीवरी करवाना चाहती हैं.
उन्होंने कहा, “एक महिला जो अभी सात महीने की गर्भवती है, अपने पति के साथ आई और मार्च में होने वाली डिलीवरी को फरवरी में कराने की बात कर रही है.”
दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि 20 फरवरी 2025 के बाद उन बच्चों को अमेरिका की नागरिकता नहीं मिलेगी, जिनके माता-पिता अमेरिका के स्थायी निवासी नहीं हैं. इससे पहले तक, अमेरिका में जन्मे हर बच्चे को जन्म के आधार पर नागरिकता मिल जाती थी. टेक्सास के एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. एस.जी. मुक्काला ने कहा कि इस प्रकार की जल्दीबाजी से मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, “प्री-टर्म डिलीवरी के कारण बच्चे के फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते हैं. इसके अलावा, वजन कम होना, न्यूरोलॉजिकल जटिलताएं और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.”
अमेरिका में कई भारतीय दंपतियों के लिए यह कानून एक बड़ा झटका है. एच-1बी वीजा पर वहां रह रहे अन्य भारतीय दंपति का कहना है कि उन्होंने सोचा था कि उनके बच्चे को यहां नागरिकता मिल जाएगी और उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा. लेकिन अब उन्हें बहुत डर लग रहा है. जो कुछ महीनों में माता-पिता बनने वाले हैं, उनके लिए यह फैसला उनकी पूरी योजना पर पानी फेर रहा है.