दरभंगा (नासिर हुसैन)। डीएमसीएच के शिशु विभाग के सेमिनार हॉल में सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रो. डॉ. केएन मिश्रा व प्रो. एनपी गुप्ता का भावपूर्ण विदाई समारोह आयोजित किया गया। ज्ञातव्य हो कि डॉ. केएन मिश्रा ने लंबे समय तक शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष का कार्यभार भी संभाला था। डॉ. मिश्रा एवं डॉ. गुप्ता, दोनों ने 31 दिसंबर को साथ-साथ सेवानिवृत्ति प्राप्त की थी। लेकिन, शिशु रोग विशेषज्ञों के राष्ट्रीय सम्मेलन ‘पेडिकौन’, हैदराबाद में उनके शामिल होने के कारण विधिवत विदाई बुधवार को दी गई। शिशु विभाग में आयोजित कार्यक्रम में दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अलका झा, अस्पताल की अधीक्षिका डॉ. शीला कुमारी साहू, उपाधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार यादव, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार, शिशु विभाग के सेवानिवृत चिकित्सक डॉ. ज्ञानेश्वर झा, डॉ. रमेश चंद्र मिश्रा, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. साजिद हुसैन एवं कार्यरत चिकित्सक प्रोफेसर रिजवान हैदर, डॉ. अमित कुमार, डॉ. मणि शंकर आदि सहित शिशु विभाग के सभी डॉक्टरों, पीजी छात्र-छात्राओं, परिचारिकाओं एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्राचार्या डॉ. अलका झा ने कहा कि डॉ. केएन मिश्रा का वह बहुत सम्मान करती हैं, क्योंकि उनके द्वारा प्रोत्साहित करने के कारण ही उन्होंने अस्पताल अधीक्षक का पद ग्रहण किया और प्राचार्या भी बनीं। इसके लिए वह हमेशा उनका आभारी रहेंगी। अधीक्षिका डॉ,। शीला कुमारी साहू ने कहा कि डॉ. एनपी गुप्ता उनके बैचमेट हैं और दोनों ने एक साथ साल 1976 में यहां एमबीबीएस में एडमिशन लिया। वह शुरू से ही उनकी कर्मठता की कायल रही हैं। वह उनके उत्तम स्वास्थ्य और सुखी जीवन की कामना करती हैं। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अशोक कुमार ने कहा कि इन दोनों के सेवानिवृत्त होने के कारण विभाग बहुत खालीपन महसूस कर रहा है। दोनों के प्रयास से विभाग उच्चतम स्थान पर पहुंचा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जब कभी भी उनकी आवश्यकता पड़ेगी, वे विभाग के कार्यों में मदद के लिए उपलब्ध रहेंगे। डॉ. रिजवान हैदर ने शेर-ओ-शायरी से माहौल को हल्का करते हुए दोनों को सुखद भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ. ज्ञानेश्वर झा, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. साजिद हुसैन, डॉ. अमित कुमार, डॉ. मणिशंकर एवं डॉ. केके झा आदि ने भी अपने भावपूर्ण उद्गार व्यक्त किए। डॉ. केएन मिश्रा ने कहा कि महाविद्यालय ने उन्हें बहुत कुछ दिया और एक शिक्षक व प्राचार्य के रूप में उन्होंने इसे अपने छात्रों को चुकाने की हरसंभव कोशिश की। इस विभाग और कॉलेज से उनका नाता अटूट है और भविष्य में भी रहेगा। डॉ. एनपी गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने भविष्य के लिए पठन-पाठन और क्लीनिकल कार्यों में रुचि लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इसी महाविद्यालय में वर्ष 1976 में आए और कुछ समय छोड़कर पूरे समय उन्होंने इस महाविद्यालय की सेवा की। भविष्य में भी इसके कार्यों में सहभागी बनने में उन्हें प्रसन्नता होगी। माहौल को हल्का करने की तमाम कोशिश के बावजूद समारोह का अंत होते-होते पीजी छात्रों के आंख से आंसू निकलने लगे और वे डॉ. केएन मिश्रा और डॉ. एनपी गुप्ता से लिपटकर रो पड़े। सबका कहना था कि दोनों अद्वितीय शिक्षक थे और उनकी कमी उन्हें हमेशा खलेगी। स्वास्थ्य प्रबंधक कुमारी चंद्रलेखा ने डॉ. एनपी गुप्ता और डॉ. केएन मिश्रा को विभाग की उन्नति में हर तरह से सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया। डॉ. अशोक कुमार ने इस कार्यक्रम के लिए दिन-रात एक कर परिश्रम किया था और उन्होंने दोनों सेवानिवृत्त डॉक्टरों को चादर, पाग, पुष्पमाला एवं उपहार से सम्मानित कर विदा किया। उपस्थित सभी लोगों ने एक-एक कर दोनों को माल्यार्पण कर गुलाब के फूल भेंट किए।