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दरभंगा : मिथिला विवि के 11वें दीक्षांत समारोह में कई नामचीन हस्तियों की हुई सहभागिता

 

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा का 11वां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ, जिसमें कई नामचीन व्यक्तियों की सहभागिता हुई। समारोह की अध्यक्षता बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खां ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव डॉ अतुल कोठारी, सम्मानित अतिथि के रूप में आईआईटी, पटना के निदेशक प्रो टी एन सिंह, विशिष्ट अतिथि राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थु उपस्थित हुए। स्वागत संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी ने कहा कि कुलाधिपति के कुशल नेतृत्व में हमारा विश्वविद्यालय नित्य नए-नए आयाम को प्राप्त कर रहा है और शैक्षणिक माहौल में भी तेजी से सुधार रहा है। हमारे विश्वविद्यालय के सभी सत्र नियमित हैं तथा ससमय परीक्षाफल का प्रकाशन भी हो रहा है। नियमित नियुक्ति से शिक्षकों की काफी हद तक कमी दूर हुई है। वही कुलाधिपति के निर्देश पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से शिक्षा में गुणात्मक सुधार हो रहा है। 4 वर्षीय स्नातक प्रथम सेमेस्टर सीबीसीएस के तहत 2025-29 में कुल 1,62,500 छात्र-छात्राओं ने नामांकन लिया है। यह बिहार का एकमात्र विश्वविद्यालय है, जिसने नैक के तृतीय चरण को सफलता पूर्वक करते हुए 2023 में बी प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त किया है, जिसे 2024 में पीएम उषा के तहत शोध विश्वविद्यालय का दर्जा मिला है। यह बिहार का पहला विश्वविद्यालय है, जहां फोरेंसिक प्रयोगशाला की स्थापना हो रही है। 2025 में आइक्यूएसी द्वारा एनएडी पोर्टल (डिजिलॉकर)पर अंक पत्र, औपबंधिक प्रमाण पत्र तथा मूल प्रमाण पत्र अपलोड करने वाला यह बिहार राज्य में अग्रणी विश्वविद्यालय है। उन्होंने बताया कि पूरे विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों का संक्षिप्त प्रोफाइल समर्थ पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। विश्वविद्यालय को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का केन्द्र बनाने के लिए हमने 2024 में जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया, 2025 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के साथ एमओयू हस्ताक्षर किया है तथा आईआईटी, पटना के साथ एमओयू की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

कुलपति ने बताया कि 259 सहायक प्राध्यापकों को लेवल 10 से लेवल 11 में प्रोन्नति दिया गया है, जबकि सह- प्राध्यापकों से प्राध्यापकों के पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। कुल 370 कर्मियों को उच्चतर वेतनमान के साथ उच्च पदों का प्रभार दिया गया है। अनुकंपा पर नियुक्त 28 शिक्षकेत्तर कर्मियों में से 23 की सेवा संपुष्टि की गई है। कुलपति ने बताया कि आईसीएसएसआर ने संगीत एवं नाट्य विभाग के साथ ही अर्थशास्त्र विभाग के शिक्षकों को मेजर एवं माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट ग्रांट किया है, जबकि कई शिक्षकों द्वारा रिसर्च प्रपोजल विभिन्न संस्थाओं में समर्पित किया गया है। आने वाले दोनों में यह एक शोध विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठित होगा। उन्होंने 2024 में स्थापित 10 पीठों के संचालन का जिक्र करते हुए कहा कि अध्ययन-अध्यापन के साथ ही हम छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व के विकास हेतु खेलकूद, एनएसएस एवं सांस्कृतिक गतिविधियों, स्पोर्ट्स एण्ड कल्चर कैलेंडर को लागू कर उसके अनुरूप कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। कुलपति ने विभिन्न क्षेत्रों में विश्वविद्यालय की उपलब्धियां की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा के द्वारा व्यक्ति ज्ञान, कौशल, सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों को अच्छी तरह से समझ सकता है। इससे वे जीवन की समस्याओं को हल करने में सक्षम हो जाते हैं। उन्होंने कामना की कि छात्र अपने जीवन में सफल हों, उनका जीवन सुखमय हो तथा राष्ट्र को उनसे जो उम्मीद है उस पर वे खरा उतरें, समाज को नया स्वरूप प्रदान करें। कुलपति ने कुलाधिपति सहित तमाम अतिथियों को आभार तथा शिक्षकों, कर्मचारियों तथा डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं सहित मीडिया कर्मियों को धन्यवाद दिया।

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