दरभंगा : पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. अली अशरफ फातमी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इस चुनाव परिणाम से चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठना लाजिमी है और चुनाव के दरम्यान डेढ़ करोड़ महिलाओं को दस-दस हजार रुपए देकर सरकारी स्तर पर वोट को खरीदा गया। हमलोगों ने जमीन पर काम किया है। हमलोगों ने देखा है जिस तरह का यह परिणाम आया है, वह कहीं से भी निष्पक्ष नहीं है। इसमें साफ बेईमानी झलकती है। बिहार के नौजवानों ने नौकरी और रोजगार के लिए जिस तरह से बढ़-चढ़कर वोट किया है, उस हिसाब से यह परिणाम कहीं से भी सही नहीं दिख रहा है।
फातमी ने कहा कि बिहार से बाहर रह रहे युवाओं ने इस बार बड़ी संख्या में आकर पलायन के खिलाफ, नौकरी और रोजगार वाली नई सरकार के लिए वोटिंग की, ताकि उन्हें फिर से पलायन न करना पड़े। बाहर जाकर ठोकर न खाना पड़े, लेकिन यह परिणाम में कहीं नहीं दिखता है। हमें ऐसा संकेत मिल रहा है कि सरकारी तंत्र के जरिए पैसा खातों में भेजकर गलत तरीके से इनलोगों ने जनादेश हासिल किया है। हमारी पार्टी हर बिंदु पर विमर्श कर रही है और हमलोग लोकतांत्रिक तरीके से इसके खिलाफ सड़क पर आंदोलन करेंगे, कोर्ट की शरण में जाएंगे। हम बिहार की जनता के बीच जाएंगे, उनलोगों को बताएंगे कि बिहार में जनादेश को लूटा गया।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और ओवैसी में कोई अंतर नहीं है। भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व का नारा देकर काम करती है, दूसरी तरफ ओवैसी मुसलमानों को बरगला कर और झूठे वादे कर काम करते हैं। दरभंगा और मधुबनी में कोई ऐसी सीट नहीं जो सिर्फ मुसलमानों के वोट से जीती जा सकती है, इन सीटों पर ओवैसी ने इसलिए उम्मीदवार खड़े किए ताकि बीजेपी और उनकी सहयोगी पार्टी जीत जाए। इनके उम्मीदवारों को बीजेपी के द्वारा पैसा दिया गया है। प्रेस वार्ता में राजद नेता राशिद जमाल, सुभाष चन्द्र राय आदि मौजूद थे।
