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शिक्षाविद् ही देश और प्रदेश की राजनीति को दे सकते हैं सही दिशा : डॉ. लक्ष्मीनिवास पांडेय

दरभंगा (नासिर हुसैन)। महान शिक्षाविद एवं राजनीतिक सुचिता के प्रतीक स्वर्गीय प्रो. उमाकांत चौधरी की जन्मतिथि पर प्रो. उमाकांत चौधरी मेमोरियल फाउंडेशन द्वारा हायाघाट प्रखंड स्थित बिशनपुर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में जयंती सह छात्र सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। आगत अतिथियों द्वारा उनके स्मारक पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र एवं हायाघाट विधानसभा क्षेत्र के तीन-तीन मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. लक्ष्मीनिवास पांडेय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रो. उमाकांत चौधरी मिथिला की ऐसी विभूति थे, जिन्होंने आनंदपुर के एक छोटे गांव से वाराणसी के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय तक शिक्षा का अलख जगाने का काम किया, जिसकी सार्थकता आज दरभंगा में आकर देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षाविद ही देश और प्रदेश की राजनीति को सही दिशा दे सकते हैं, इसकी सार्थकता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के साथ उन्होंने सिद्ध कर दिखाया और जिसका अनुकरण उनके पुत्र विधायक प्रोफेसर विनय कुमार चौधरी भी कर रहे हैं जो आज इस कार्यक्रम में पहुंचकर देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति शिक्षा, सुचिता और ईमानदारी के बगैर न तो सच्चा इंसान बन सकता है और न ही सच्चा राजनीतिज्ञ हो सकता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय, बहेड़ी के प्राचार्य एलपी जायसवाल ने कहा कि सच्चे शिक्षाविद का सही सम्मान इसी तरह होना चाहिए। उनकी जन्मतिथि पर मेधावी छात्रों को सम्मानित किया जाए, जिससे कि बच्चों में शिक्षा के प्रति समर्पण की भावना जागृत हो।साथ ही, उन्होंने विधायक प्रो. विनय कुमार चौधरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके सफल निर्देशन में आज बहेड़ी महाविद्यालय एक ऐसा महाविद्यालय है जहां विज्ञान, वाणिज्य, कला और शिक्षा शास्त्र की पढ़ाई एकसाथ हो रही है। यह उनके ही कुशलऔर सार्थक प्रयास से संभव हो सका है। वह हमेशा से बच्चों को शिक्षा के प्रति जागृत करने का प्रयास कर रहे हैं।

संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक श्रीपति त्रिपाठी ने स्वर्गीय उमा बाबू को अपना अभिभावक एवं कुशल मार्गदर्शक बताते हुए कहा कि ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब एक हिंदी का छात्र धर्मशास्त्र का भी इतना बड़ा ज्ञाता हो। उमा बाबू को महान शिक्षाविद के साथ-साथ कुशल राजनीतिज्ञ की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि कर्म ही उनका धर्म था। सदाचार एवं स्वच्छता ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य रहा, जो आज के समय में कम राजनीतिज्ञों में देखने को मिलता है।

विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव बैजनाथ चौधरी बैजू ने स्वर्गीय उमा बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज यदि मिथिला-मैथिली के लिए सच्चे सपूत की संज्ञा दी जाए तो उमा बाबू से बढ़कर कोई दूसरा नहीं है। आज भले ही मिथिला-मैथिली का श्रेय लेने के लिए बड़े-बड़े लोग अपने नाम को आगे करने में जुटे हुए हैं, लेकिन इसका मूल श्रेय स्वर्गीय उमा बाबू एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को है, जिन्होंने निर्मली भपटियाही रेल पुल शिलान्यास के समय मैथिली को अष्टम अनुसूची में स्थान देने की घोषणा की। उसे आमलोगों के सामने प्रथम बार लाने में अहम भूमिका निभाने वाले बेनीपुर के सम्मानित विधायक प्रो. विनय चौधरी हैं, जिन्होंने एक कुशल पत्रकार की भूमिका अदा की थी। इस दौरान उन्होंने स्वर्गीय उमा बाबू को कुशल राजनीतिज्ञ, राजनीतिक सुचिता व ईमानदारी के प्रतीक के साथ-साथ महान शिक्षाविद की संज्ञा दी और कहा कि उनके जीवन का यही मूल सिद्धांत आमलोगों की उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इस दौरान आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए बेनीपुर विधायक प्रो. विनय कुमार चौधरी ने कहा कि बाबूजी का शिक्षा के प्रति समर्पण, राजनीतिक सुचिता और ईमानदारी ही उन्हें आज तक संबल प्रदान करती आ रही है और यही उनकी मूल पूंजी है। इसकी बदौलत ही वह आज लोगों की सेवा में समर्पित हैं और आगे भी रहेंगे।

कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में जदयू के पूर्व अध्यक्ष सुनील भारती, राजेश चौधरी, डॉ. शशिभूषण यादव, मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एजाज साहब सहित दर्जनों लोग शामिल थे । धन्यवाद ज्ञापन शंभूनाथ झा ने किया एवं मंच संचालन विद्यालय की शिक्षिका पूजा प्रियदर्शिनी एवं नागेश कुमार झा ने किया।

 

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