दरभंगा, 19 सितम्बर।
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर इकाई राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में आज स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत स्वच्छता शपथ कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता स्नातकोत्तर व्याकरण विभागाध्यक्ष प्रो. दयानाथ झा ने की। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व स्नातकोत्तर प्रभारी प्रो. सुरेश्वर झा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य प्रो. विनोदानंद झा उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि प्रो. सुरेश्वर झा ने स्वच्छता को केवल बाह्य नहीं, बल्कि मन, वचन और व्यवहार की पवित्रता बताया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता हमें गांधीजी के उस सपने की ओर ले जाती है, जिसमें स्वतंत्रता के साथ एक स्वच्छ और विकसित भारत की परिकल्पना निहित थी। उन्होंने “नीट और क्लीन” के बीच का अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि व्यक्ति यदि अपने आसपास की पवित्रता बनाए रखेगा तो उसका मन और वचन भी शुद्ध होगा। तत्पश्चात् उन्होंने उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं, स्वयंसेवकों और शिक्षकों को स्वच्छता की शपथ दिलाई।
शपथ में यह संकल्प लिया गया कि—
हर नागरिक प्रति वर्ष 100 घंटे (प्रति सप्ताह 2 घंटे) स्वच्छता हेतु श्रमदान करेगा।
न स्वयं गंदगी करेगा, न किसी को करने देगा।
परिवार, मोहल्ला, गाँव और कार्यस्थल से स्वच्छता की शुरुआत की जाएगी।
गली-गली और गाँव-गाँव “स्वच्छ भारत मिशन” का प्रचार-प्रसार होगा।
प्रत्येक शपथधारी कम-से-कम 100 अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेगा।
इस अवसर पर डॉ. यदुवीर स्वरुप शास्त्री, डॉ. अवधेश कुमार, डॉ. धीरज कुमार पांडेय, डॉ. देवहुती, डॉ. संतोष कुमार तिवारी सहित अनेक शिक्षक उपस्थित थे। शिक्षकों के साथ ही बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों की सहभागिता रही।
कार्यक्रम का संयोजन डॉ. साधना शर्मा (कार्यक्रम पदाधिकारी, स्नातक उत्तर इकाई, एनएसएस) थने किया। निर्देशन डॉ. सुधीर कुमार झा (कार्यक्रम समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना) के द्वारा किया गया।
इस शपथ कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकगण एवं समस्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक सक्रिय रूप से सम्मिलित हुए।