सामान्य अभिभावकों के भी सपने होंगे साकार, कम फीस में विश्वस्तरीय स्कूल में पढ़ेंगे उनके भी बच्चे
NARAYAN’S परिवार के लंबे एवं सफल शैक्षणिक अनुभवों का लाभ उठाकर बच्चे रखेंगे भावी जीवन की मजबूत नींव
दरभंगा : कबड़ाघाट मोहल्ला में ‘NARAYAN’S MY PLAY SCHOOL’ नाम से दिल्ली के विश्वस्तरीय ‘माय छोटा स्कूल’ की फ्रेंचाइजी ब्रांच का जनवरी माह में ही उद्घाटन होगा। ज्ञातव्य हो कि विश्वस्तरीय ‘माय छोटा स्कूल’ का भारत सहित 6 देशों के विभिन्न बड़े शहरों में 2,600 से अधिक ब्रांच हैं। देश में सबसे अधिक तेजी से विस्तारित होनेवाले स्कूलों में इसका नाम शुमार है, जिसे फास्ट ग्रोइंग स्कूल के कई अवार्ड मिल चुके हैं, जिसमें प्री-नर्सरी, नर्सरी, एलकेजी तथा यूकेजी की पढ़ाई कराई जाती है। यहां बच्चों का न केवल शैक्षणिक बल्कि मानसिक, नैतिक, सामाजिक एवं बौद्धिक आदि संपूर्ण रूप से विकास होता है।
‘NARAYAN’S MY PLAY SCHOOL’ की अंतिम रूपरेखा देने के उद्देश्य से विज्ञान शिक्षिका डॉ. अंजू नारायण की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें चल रही सभी तैयारियों की समीक्षा की गई तथा आगे की कार्य-योजनाओं पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया। डॉ. अंजू ने बताया कि उनका स्कूल बच्चों के समग्र विकास हेतु कृत संकल्पित है। यहां पढ़ाई को सरल, रोचक एवं रचनात्मक बनाने हेतु खेलकूद एवं अन्य गतिविधियों का समावेश किया गया है। शिक्षा को मजेदार, कलात्मक एवं व्यावहारिक अनुभवों से जोड़ा गया है। उनका उद्देश्य बच्चों के भीतर आत्मविश्वास, जिज्ञासा तथा कलात्मकता को बढ़ावा देना है, ताकि वे न केवल शिक्षित, बल्कि जिम्मेदार एवं खुशहाल इंसान बन सकें।
प्राचार्या अनुपम कुमारी ने बताया कि स्कूल का वातावरण शांत, सुरक्षित एवं विस्तृत है। ‘पहले आओ-पहले पाओ’ की तर्ज पर सीट रहने तक नामांकन होगा। अभिभावक 9939963609 तथा 7992322868 मोबाइल नंबर पर संपर्क कर बच्चों को अपने बजट में ही विश्वस्तरीय शिक्षा दिला सकते हैं। स्कूल की ओनर प्रेरणा नारायण ने कहा कि 6 वर्ष तक की अवस्था बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। बच्चे अपने माहौल के अनुसार ही सीखते हैं। इस स्कूल में शिक्षाविद्, मनोवैज्ञानिक, प्रशासनिक एवं सामाजिक व्यक्तियों की सलाह से प्रशिक्षित एवं समर्पित शिक्षिकाओं द्वारा ही पढ़ाई कराई जाएगी।
डब्ल्यूआईटी के शिक्षक प्रशांत कुमार झा ने कहा कि इस स्कूल में बच्चों की मजबूत नींव तैयार की जाएगी, ताकि वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर माता-पिता के सपनों को साकार कर सकें। स्कूल बच्चों के शुरुआती विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान करेगा।
स्कूल के संरक्षक डॉ. आरएन चौरसिया ने कहा कि बच्चों के प्रारंभिक शैक्षणिक विकास हेतु गायन, वादन, डांसिंग, पजल्स, ब्लॉक्स, पेंटिंग्स तथा प्रेरक कथाओं आदि द्वारा ‘लर्निंग बाय डूइंग’ माध्यम सर्वश्रेष्ठ है, जिनके द्वारा बच्चों में बौद्धिक विकास के साथ ही उनका संपूर्ण व्यक्तित्व-निर्माण तथा चारित्रिक उन्नति भी कराई जाती है। यह स्कूल हमारी प्राचीन ज्ञान- परंपरा के साथ ही आधुनिक शिक्षा-पद्धति का संगम होगा, जहां बच्चों में व्यावहारिकता, अनुशासन, संस्कार एवं संस्कृति आदि की मजबूत बुनियाद रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि स्कूल परिवार के लंबे एवं सफल शैक्षणिक अनुभवों का लाभ उठाकर बच्चे भावी जीवन की मजबूत आधारशिला रखेंगे।