डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुंबई में आयोजित मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में हिस्सा लिया. बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने बताया कि रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा गया है. स्टैंडिंग डिपॉजिट फ़ैसिलिटी (SDF) की दर 6.25% और मार्जिनल स्टैंडिंग फ़ैसिलिटी (MSF) व बैंक दर 6.75% पर बनी रहेगी. दास ने कहा कि वर्तमान में मुद्रास्फीति और विकास के मैक्रोइकोनॉमिक पैरामीटर संतुलित हैं. समिति ने मुद्रास्फीति के लक्ष्यों को बनाए रखते हुए विकास को समर्थन देने के लिए अपने रुख को न्यूट्रल करने का निर्णय लिया है.
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक GDP की वृद्धि 6.7% रही है. इसके साथ ही, निवेश का हिस्सा GDP में 2012-13 के बाद से सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है, जबकि सरकार का खर्च पहली तिमाही में कम हुआ है.
शक्तिकांत दास ने भारत की विकास कहानी को लेकर आश्वासन दिया कि इसके मौलिक चालक, जैसे उपभोग और निवेश मांग, मजबूत हो रहे हैं. उन्होंने भविष्य की GDP वृद्धि का अनुमान 2024-25 के लिए 7.2% लगाया है. दूसरी तिमाही में 7%, तीसरी में 7.4%, और चौथी तिमाही में भी 7.4% की वृद्धि का पूर्वानुमान है. अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक GDP वृद्धि का अनुमान 7.3% है.
उन्होंने यह भी बताया कि प्रणाली की तरलता अगस्त और सितंबर में अधिशेष में रही और अक्टूबर के प्रारंभ में भी ऐसा ही देखा गया. हालांकि, सितंबर के दूसरे हाफ में सरकार के नकद संतुलनों के निर्माण के कारण तरलता में कमी आई थी. शक्तिकांत दास ने कहा कि लचीली मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण रूपरेखा ने आठ साल पूरे कर लिए हैं, जो कि 21वीं सदी का एक बड़ा संरचनात्मक सुधार है.