डेस्क : राजस्थान के कोटपूतली में 23 दिसंबर को एक साढ़े तीन की बच्ची चेतना बोरवेल में गिर गई थी, जिसके बाद से ही उस मासूम को बचाने को लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बच्ची को बोरवेल से रेस्क्यू करने को लेकर आज 8वां दिन है. लेकिन बोरवेल की गहराई जायदा होने की वजह से बच्ची को रेस्क्यू करने में NDRF की टीम को काफी दिक्कत आ रही है. जिस बोरवेल में बच्ची गिरी है. उस बोरवेल की गहराई लगभग 150 फीट बताई जा रही है, और बच्ची उसी गहरे बोरवेल में फंसी हुई है. यह घटना कीरतपुरा गांव की है, यह बच्ची बोरेवेल के आस पास खेल रही थी. इस बीच खेलते-खेलते उसका पैर फिसलने के बाद वह बोरवेल में गिर गई.
घटनास्थल पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. विशेषज्ञों की एक टीम बोरवेल से बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए विशेष उपकरणों का इस्तेमाल कर रही है. हालांकि बचाव कार्य में लगातार देरी हो रही है, क्योंकि बोरवेल की गहराई और बच्चों के छोटे शरीर को ध्यान में रखते हुए बेहद सावधानी से कार्य किया जा रहा है.
एनडीआरएफ के सीनियर कमांडेंट योगेश मीणा ने बताया, ‘‘रिंग रॉड और अंब्रेला तकनीक से बच्ची को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकालने में विफल होने के बाद मंगलवार को उसे एल बैंड (लोहे की प्लेट से बना देसी जुगाड़) से खींचने का प्रयास किया जा रहा है.
कोटपूतली जिले के सरूंड थाना क्षेत्र में कितरपुरा इलाके में भूपेंद्र चौधरी नामक व्यक्ति के खेत में उसकी साढ़े तीन साल की बच्ची चेतना 23 दिसंबर को अपराह्न करीब तीन बजे फिसलकर बोरवेल में गिर गई थी. जिसके बाद से उसे रेस्क्यू करने की कोशिश जारी हैं.