डेस्क : तमिलनाडु में एक युवक की भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में सर्कल बेस्ड ऑफिसर (CBO) पद पर नियुक्ति सिर्फ इसलिए रद्द कर दी गई क्योंकि उसका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) खराब था। इस पर मद्रास उच्च न्यायालय ने भी एसबीआई के निर्णय को उचित और आवश्यक मानते हुए नियुक्ति रद्द करने को सही ठहराया। यह मामला दर्शाता है कि वित्तीय अनुशासन अब केवल व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकारी और बैंकिंग सेवाओं में नौकरी पाने के लिए भी अनिवार्य शर्त बनता जा रहा हैहम आपको बता दें कि तमिलनाडु निवासी पी. कार्तिकेयन को एसबीआई द्वारा सर्कल बेस्ड ऑफिसर पद के लिए चुना गया था। लेकिन बाद में बैंक ने उसकी सिबिल रिपोर्ट में ऋण चूक (Loan Default) और क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग से संबंधित जानकारी पाकर उसकी नियुक्ति रद्द कर दी। पीड़ित ने इसके खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि उसने सभी बकाया ऋण चुका दिए थे और उसे किसी भी रिपोर्ट में “डिफॉल्टर” घोषित नहीं किया गया है। इसलिए नियुक्ति रद्द करना अनुचित और अवैध है
