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‘जेल, अस्पताल, कोर्ट और फर्जी एनकाउंटर में मारे जा रहे कैदी’, अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट से की जांच की मांग

डेस्क : यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी. मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया है. वहीं विपक्ष इस मौत को संदिग्ध बता रहा है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत के बाद सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं और ऐसे कई मामलो की जांच की मांग की है.

अखिलेश यादव ने X पोस्ट में कहा-  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है. सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा :

थाने में बंद रहने के दौरान

जेल के अंदर आपसी झगड़े में

जेल के अंदर बीमार होने पर

 न्यायालय ले जाते समय

अस्पताल ले जाते समय

अस्पताल में इलाज के दौरान

 ⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर

⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर

किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर

ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए. सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं.

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं. उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है.

बता दें कि बांदा जेल में अचानक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज इलाज ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

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