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भारत में 2027 में होगी जनगणना, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : भारत में अगली जनगणना वर्ष 2027 में कराई जाएगी. इस संबंध में केंद्र सरकार ने गजट अधिसूचना जारी कर दी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Home Minister Amit Shah) ने रविवार को घोषणा करते हुए कहा कि यह जनगणना दो चरणों में की जाएगी और पूरी तरह डिजिटल माध्यम से संपन्न होगी.

2027 की जनगणना ऐतिहासिक होगी क्योंकि यह पहली बार मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए की जाएगी. इससे नागरिकों से विस्तृत सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जानकारी एकत्र की जाएगी. अमित शाह ने कहा कि डिजिटल प्रक्रिया से डेटा एकत्र करना तेज़, सटीक और पारदर्शी होगा.

जनगणना की तैयारियों को लेकर गृह सचिव गोविंद मोहन, महापंजीयक और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की गई। इसमें योजना और संसाधनों की समीक्षा की गई ताकि जनगणना निर्बाध रूप से संपन्न हो सके।

दो तिथियां तय
भारत की 16वीं जाति आधारित जनगणना के लिए सरकार ने दो अलग-अलग संदर्भ तिथियां निर्धारित की हैं:

लद्दाख व अन्य बर्फीले क्षेत्रों के लिए: 1 अक्टूबर, 2026

देश के बाकी हिस्सों के लिए: 1 मार्च, 2027
इन तिथियों के आधार पर जनगणना की गतिविधियां प्रारंभ की जाएंगी।

दो चरणों में होगी जनगणना
हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (HLO):

पहले चरण में प्रत्येक घर, संपत्ति और बुनियादी सुविधाओं की जानकारी जुटाई जाएगी.

जनसंख्या आकलन (Population Enumeration – PE):

दूसरे चरण में प्रत्येक व्यक्ति की गिनती की जाएगी और उससे जुड़ी सामाजिक, आर्थिक, जातिगत और सांस्कृतिक जानकारी एकत्र की जाएगी.

34 लाख कर्मी होंगे तैनात
गृह मंत्रालय के अनुसार, जनगणना कार्य के लिए लगभग 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक, तथा 1.3 लाख जनगणना अधिकारी तैनात किए जाएंगे। यह भारत के इतिहास की सबसे बड़ी जनगणना तैयारियों में से एक मानी जा रही है.

डेटा सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
जनगणना के दौरान नागरिकों के डेटा की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. इसके लिए संग्रहण, प्रेषण और भंडारण के समय कड़े साइबर सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे. सरकार ने भरोसा दिलाया कि लोगों की गोपनीयता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

16 वर्षों बाद हो रही है जनगणना
गौरतलब है कि भारत की पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। 2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी. अब यह जनगणना 16 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है, जो इसे और अधिक महत्वपूर्ण बना देती है

 

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