तुरंत मुनाफा कमाने के लिए अब तक की सबसे कातिल और गंदी रणनीति बोइंग ने अपनाई थी जिससे 900 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और फिर बोइंग को किलर प्लेन कहा जाने लगा था.
आज अहमदाबाद में जो प्लान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, वह अभी गोइंग का ड्रीम लाइनर था जो अपनी किलर बैटरी के लिए पूरी दुनिया में कुख्यात है.
यूरोपियन यूनियन की एअरबस इंडस्ट्रीज ने एक बेहद ही शानदार प्लेन एअरबस A 320 neo लांच किया जो देखते ही देखते बेहद लोकप्रिय हो गया. यह विमान 6 घंटे तक की उड़ान के लिए बेहद किफायती और कार्यकुशल था और तमाम एयरलाइंस ने धड़ाधड़ एअरबस नियो का ऑर्डर देने लगे.
अब बोइंग को एअरबस a320 नियो के सामने अपना कोई प्लेन लॉन्च करना था. प्लेन की डिजाइनिंग और डेवलपमेंट में कम-से-कम 5 साल का समय लगता है, फिर बोइंग ने एक बेहद खौफनाक और गंदी रणनीति अपनाई जो पैसा कमाने के लिए कारपोरेट इंडस्ट्री का सबसे कातिलाना निर्णय था.
बोइंग ने अपने पुराने 737 में बदलाव करके उसे बोईंग 737 मैक्स का नाम दे दिया और यह कह दिया कि यह विमान बेहद शानदार है, बेहद किफायती है. बोइंग ने प्लेन के डिजाइन में कुछ चेंज नहीं किया, सिर्फ इंजन को चेंज किया गया था. ऐसे इंजन बनाए गए जो बड़े थे, बहुत ज्यादा थ्रस्ट पैदा करते थे. कम्बचन चेंबर बड़ा था, जिससे विमान में तेल की खपत कम होती थी, लेकिन इस बड़े इंजन की वजह से प्लेन का नोज उड़ान में ऊपर उठ जाता था, क्योंकि विमान में कोई बदलाव नहीं किया गया था, इसीलिए इंजन इतने बड़े थे कि कई बार विमान डिसबैलेंस होता था और लैंडिंग के समय भी तकलीफ हो रही थी, क्योंकि लैंडिंग गियर नहीं बदले गए थे. कुल मिलाकर बोइंग ने नया कुछ नहीं किया सिर्फ पुराने विमान में ही नए इंजन फिट कर दिए.
फिर, जब बोइंग ने देखा कि विमान का नोज ऑटोमेटिक ऊपर की तरफ होने लगता है, क्योंकि बड़े इंजन की वजह से एयरोडायनेमिक्स पर असर पड़ रहा था, इसलिए बोइंग ने एक सॉफ्टवेयर बनाया, जिसे किलर सॉफ्टवेयर कहते हैं. उस सॉफ्टवेयर का नाम था m-cas Maneuvering Characteristics Augmentation System यह सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक प्लेन के होरिजेंटल स्टेबलाइजर को टीम करके प्लेन की नोज को एडजस्ट कर देता था.
बोइंग ने इस सॉफ्टवेयर के बारे में किसी भी एयरलाइन कंपनी को नहीं बताया. किसी भी पायलट को इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई, न ही कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई.
और, फिर इस किलर सॉफ्टवेयर ने तीन प्लेन को यात्रियों और क्रू मेंबर के साथ गिरा दिया और इन सभी एक्सीडेंट में 900 से ज्यादा लोग मारे गए, जिसमें इंडोनेशिया में हुआ एक्सीडेंट था, जिसमें प्लेन के पायलट एक भारतीय थे और चार विमान किसी तरह से दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बचे.
बोइंग ने इस करतूत के लिए माफी मांगी. सारे प्लेन वापस ले लिए गए. वहीं कंपनी को खरबों डालर का नुकसान हुआ. साख खत्म हो गई.
लेकिन, वहीं इसके लिए किसी भी मृतक के परिवार वालों को मुआवजा नहीं दिया. यहां तक कि अमेरिका सरकार ने भी बोइंग के ऊपर कोई जुर्माना नहीं लगाया.
फिर बोइंग ने ड्रीमलाइनर लॉन्च किया. इसमें भी कॉस्ट कटिंग करने के लिए बेहद घटिया बैटरी डाला.
बोइंग का ड्रीमलाइनर शुरू से विवादों में रहा विमान है. जब यह नया-नया बना था आज के 14-15 साल पहले, तब इसकी 13 से ज्यादा विमान की बैटरी में ब्लास्ट हुआ और उन ब्लास्ट की वजह से तीन बड़ी विमान दुर्घटनाएं हुई. उसके बाद बोइंग में ड्रीमलाइनर को ग्राउंड कर दिया और सभी विमान की बैटरी बदली गई.
उसके बाद इन विमान के रडार सिस्टम में समस्या आई. उसके बाद 1 साल तक फिर से सभी ड्रीमलाइनर को ग्राउंड कर दिया गया और उसमें एक्चुएटर और रडार सिस्टम बदल गया.