कैश प्रकरण में दोषी पाए जाने के बाद सरकार ने शुरू की सर्वदलीय सहमति की कवायद, संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने की पुष्टि, सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन CJI संजीव खन्ना द्वारा गठित इन-हाउस जांच समिति ने जस्टिस वर्मा को पाया था दोषी, मार्च में दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग लगने के बाद बरामद हुई थी बेहिसाब नकदी, समिति में तीन हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश– शीले नागु, जीएस संधावालिया और अनु शिवरामन थे शामिल, जस्टिस वर्मा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था, तब CJI ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को हटाने की सिफारिश भेजी, महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए राज्यसभा में 50 और लोकसभा में 100 सांसदों का समर्थन जरूरी, सरकार इस प्रस्ताव को सर्वदलीय समर्थन से पास कराना चाहती है, मानसून सत्र जुलाई के दूसरे सप्ताह से शुरू होने की संभावना.