डेस्क : इस्तांबुल में हुई बातचीत में यूक्रेन और रूस बड़े पैमाने पर कैदियों की अदला बदली के लिए रजामंद हो गए हैं लेकिन संघर्षविराम पर तत्काल कोई समझौता नहीं हुआ है. रूस ने अपनी मांगों का दस्तावेज यूक्रेन को सौंपा.युद्धरत पड़ोसी देशों के बीच इस्तांबुल में दूसरे दौर की सीधी बातचीत के बाद यूक्रेन ने कहा कि रूस ने बिनाशर्त संघर्षविराम करने से मना कर दिया है. इसकी बजाय रूस की तरफ से तीन दिनों के लिए आंशिक संघर्षविराम की पेशकश की गई है जो मोर्चे के कुछ इलाकों में लागू होगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के आग्रह पर पहली बार दोनों देश सीधी बातचीत कर रहे हैं. इससे पहले दोनों पक्षों की सीधी बातचीत यूक्रेन युद्ध छिड़ने के शुरुआती कुछ हफ्तों में हुई थी. हालांकि सीधी बातचीत करने पर भी दोनों पक्ष कैदियों की अदला बदली से आगे नहीं बढ़ सके हैं. दीर्घकालीन संघर्षविराम अभी दूर की कौड़ी लग रही है.
दोनों तरफ के शीर्ष वार्ताकारों ने गंभीर रूप से घायल सैनिकों और 25 साल से कम उम्र के कैदियों की अदला बदली पर सहमति की पुष्टि की है. यूक्रेन के शीर्ष वार्ताकार और रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव ने इस्तांबुल में पत्रकारों से कहा, “हम गंभीर रूप से घायल और गंभीर रूप से बीमार युद्धबंदियों की अदला बदली पर राजी हुए हैं. इसके बाद दूसरी श्रेणी उन युवा सैनिकों की है जिनकी उम्र 18-25 साल के बीच है.”
रूस के शीर्ष वार्ताकार व्लादिमीर मेदिंस्की ने भी कहा कि इसमें कम से कम “हरेक पक्ष के 1000 युद्ध बंदी” शामिल होंगे, तो 1000 के बदले 1000 की अदलाबदली होगी जिस पर पिछले महीने सहमति बनी थी. हालांकि युद्धविराम की दिशा में कोई खास प्रगति नहीं दिखी है. बातचीत से ठीक पहले दोनों देशों ने एक दूसरे के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं.
यूक्रेन के उप विदेश मंत्री सैर्ही किस्लित्सिया ने शांतिवार्ता के बाद पत्रकारों से कहा, “रूसी पक्ष लगातार बिनाशर्त युद्धविराम को खारिज कर रहा है.” रूसी पक्ष का कहना है कि उसने सीमित संघर्षविराम की पेशकश की है. यूक्रेन का कहना है कि दोनों पक्ष युद्ध में मारे गए 6,000 सैनिकों के शव एक दूसरे को सुपुर्द करने पर भी रजामंद हुए हैं. हालांकि रूसी वार्ताकार मेदिंस्की ने कहा कि रूस यूक्रेन के 6,000 सैनिकों को सौंपने की इकतरफा कार्रवाई करेगा. इसके साथ ही मेदिंस्की ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि “उनके पास कोई शव है,” लेकिन अगर कोई हुआ तो रूस उसे ले लेगा.
रूस ने अब तक यह नहीं बताया है कि उसके कितने सैनिकों की मौत हुई है. तीन साल के युद्ध में हुए नुकसान के बारे में रूस कोई जानकारी नहीं देता.