ट्रंप अब तक एक दर्जन से ज़्यादा बार भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकने की बात कह चुके हैं। अब विश्व समुदाय के लिए यह स्पष्ट हो चुका है कि मध्यस्थता में ट्रंप की कोई भूमिका नहीं थी। अगली बार कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेगा। पुतिन और शी ने पहले ही उन्हें ठुकरा दिया है।
