डेस्क : पाकिस्तान सरकार ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की भारत के साथ हालिया सैन्य संघर्ष में भूमिका के लिए उन्हें मंगलवार को पदोन्नत कर फील्ड मार्शल बनाने का फैसला किया. इसी के साथ वह देश के इतिहास में इस पद पर पदोन्नत होने वाले दूसरे शीर्ष सैन्य अधिकारी बन जाएंगे. यहां जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुनीर को पदोन्नत करने का फैसला प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. जनरल अयूब खान के बाद मुनीर पाकिस्तान में सर्वोच्च सैन्य पद पर पदोन्नत होने वाले पहले जनरल हैं. जनरल खान को 1959 में फील्ड मार्शल का पद दिया गया था. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा, ‘‘पाकिस्तान सरकार ने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उच्च रणनीति एवं साहसी नेतृत्व के आधार पर दुश्मन को हराने के लिए जनरल आसिम मुनीर (निशान-ए-इम्तियाज मिलिट्री) को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने को मंजूरी दे दी है.’’
जनरल मुनीर की इस पद पर पदोन्नति भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष को रोकने पर बनी सहमति के करीब डेढ़ सप्ताह बाद किया गया है. पीएमओ ने बयान में कहा कि जनरल मुनीर ने ‘‘अनुकरणीय साहस और दृढ़ संकल्प के साथ सेना का नेतृत्व किया तथा सशस्त्र बलों की युद्ध रणनीति और प्रयासों का समग्र तरीके से समन्वय किया.’’ बयान में कहा गया कि उनके ‘उत्कृष्ट’ सैन्य नेतृत्व को मान्यता देते हुए कैबिनेट ने जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने के प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसमें कहा गया कि सरकार ने सर्वसम्मति से एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू की सेवाएं उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी जारी रखने का निर्णय लिया है. पाकिस्तानी सेना की जनसंपर्क इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा जारी बयान के मुताबिक, पदोन्नत होने के बाद मुनीर ने कहा, ‘‘यह कोई व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि सशस्त्र बलों और पाकिस्तान के लोगों के प्रति सम्मान है.’’
जनरल मुनीर ने कहा कि यह सम्मान एक राष्ट्रीय विश्वास है जो सर्वोच्च बलिदान की मांग करता है. उन्होंने कहा, ‘‘लाखों आसिम इसे कायम रखने के लिए अपनी जान देने को तैयार हैं.’’ जनरल मुनीर ने देश की दोनों शक्तिशाली जासूसी एजेंसियों – इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) का नेतृत्व किया है और नवंबर 2022 में सेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया था. उन्होंने जनरल कमर जावेद बाजवा का स्थान लिया, जो लगातार तीन वर्षीय दो कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हुए थे.