डेस्क :चार दिन तक चली मिसाइलों की बौछार, ड्रोन हमले और तोपों की गर्जना के बाद भारत और पाकिस्तान ने आखिरकार जमीनी, हवाई और समुद्री मोर्चे पर युद्धविराम का फैसला किया. यह संघर्षविराम 10 मई की शाम से लागू हुआ.
हालांकि इसके कुछ ही घंटे बाद जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और गुजरात के कुछ इलाकों में पाकिस्तानी ड्रोन दिखे और भारतीय सुरक्षाबलों ने उन्हें इंटरसेप्ट किया.
भारत ने इन घटनाओं को संघर्षविराम का उल्लंघन बताया और कहा कि सेना इसका “उचित और प्रभावी जवाब” दे रही है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत इन उल्लंघनों को “बेहद गंभीरता” से ले रहा है.
क्या हुआ था बीते चार दिनों में?
10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस-ए क्रूज मिसाइलों के जरिए पाकिस्तान के वायुसेना ठिकानों पर निशाना साधा. सबसे पहले हमला रावलपिंडी के पास चकलाला और पंजाब प्रांत के सरगोधा में हुआ. ये दोनों जगहें पाकिस्तान की सैन्य ताकत के लिहाज से बेहद अहम मानी जाती हैं.
इसके बाद खबरें आईं कि पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कई अन्य बेस जैसे जैकबाबाद, भोलारी और स्कार्दू को भी निशाना बनाया गया.
तनाव बढ़ा तो पाकिस्तान को अमेरिका की याद आई
हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली में अलर्ट जारी हुआ, जिससे साफ था कि उन्हें लगा भारत अब उनके परमाणु ठिकानों को निशाना बना सकता है.
इसी डर के चलते पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद की गुहार लगाई. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका पहले से ही दोनों देशों के संपर्क में था, लेकिन परमाणु ठिकानों को लेकर खतरे ने उसे ज्यादा सक्रिय कर दिया