डेस्क : मई महीने में बैंकिंग सेक्टर से जुडे़ कई बदलाव होने जा रहे हैं. बैंकों की छु्ट्टियां हो या फिर ATM से कैश निकालने का चार्ज, 1 मई से बैंकिंग नियम से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे.
सरकार ने एक राज्य-एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक नीति को हरी झंडी दिखा दी है. इसके तहत अब 1 मई से 15 ग्रामीण बैंकों का विलय होने वाला है. 1 मई से 43 आरआरबी में से 15 बैंकों का विलय होगा.
बैंकों के विलय का कारण
इस विलय के साथ ही देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 43 से घटकर 28 रह जाएगी. जिन 15 बैंकों का विलय होगा उसमें आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान के ग्रामीण बैंक शामिल हैं. बैंकों के वियल से बैंकिंग सिस्टम बेहतर होंगे. यूनिफाइड IFSC और MICR कोड होने से ट्रांजैक्शन आसानी से होंगे, लोन प्रोसेसिंग में आसानी होगी
बैंकों के विलय का असर
बैंकों के विलय से बैंक खाताधारकों पर क्या असर होगा, इसे लेकर लोगों के मन में सवाल है. जिन लोगों के बैंक खाते उस बैंकों में है. उनके मन में सवाल है कि विलय के बाद उनकी जमा पूंजी का क्या होगा. बैंकों के मर्जर से ग्राहकों को कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं. हालांकि उनकी जमापूंजी , सेविंग, या लोन पर कोई असर नहीं होगा. बैंकों के विलय से थोड़े पेपर वर्क बढ़ सकते हैं. उनके बैंक का नाम और IFSC Code बदल सकता है. मर्जर के बाद बने नए बैंक का पासबुक और चेकबुक लेना पड़ सकता है. खाताधारकों की पुरानी कस्टमर आईडी या अकाउंट नंबर में भी बदलाव हो सकता है. खासबात ये है कि बैंकों के विलय से उनके खाते में जमा पैसों , बैंक बैलेंस, FD, RD या लोन पर कोई असर नहीं होगा.
क्या है ‘एक राज्य-एक आरआरबी’ पॉलिसी
सरकार ने एक मई से एक राज्य में एक ग्रामीण बैंक पॉलिसी लागू की है. इसके तहत देश के 11 राज्यों- आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा एवं राजस्थान में मौजूद क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का एक इकाई में विलय किया जाएगा. इस तरह ‘एक राज्य-एक आरआरबी’ के लक्ष्य को साकार किया जा सकेगा.
किसका किसमें होगा विलय
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 की धारा 23ए(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप ये आरआरबी एक एकल इकाई में एकीकृत हो जाएंगे. इसी क्रम में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्रायोजित चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, सप्तगिरि ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक को आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक के रूप में मिला दिया जाएगा. इस विलय के तहत
उत्तर प्रदेश में मौजूद बड़ौदा यू.पी. बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यू.पी. ग्रामीण बैंक को उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक नाम की इकाई में मिला दिया गया है, जिसका मुख्यालय बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रायोजन के तहत लखनऊ में होगा.
पश्चिम बंगाल में संचालित बंगीय ग्रामीण विकास, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तरबंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक में मिला दिया जाएगा.
दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को मिलाकर बिहार ग्रामीण बैंक बनेगा जिसका मुख्यालय पटना में होगा.
गुजरात में बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक और सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक को मिलाकर गुजरात ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा.