पंडित हरि नारायण झा एवं पंडित शिव नारायण झा शैक्षणिक एवं सामाजिक सहयोग न्यास द्वारा दिया गया सम्मान एवं मोमेंटो
विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग द्वारा डॉ. ममता स्नेही को मिठाई खिलाकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए दी बधाई एवं शुभकामनाएं
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग की प्राध्यापिका डॉ. ममता स्नेही को ‘पंडित हरि नारायण झा एवं पंडित शिव नारायण झा शैक्षणिक एवं सामाजिक सहयोग न्यास’, हाटी, सरिसवपाही, मधुबनी के वार्षिक समारोह के अवसर पर ‘मिथिला रत्न सम्मान-2025’ प्रदान किया गया। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. देवनारायण झा के हाथों यह सम्मान एवं मोमेंटो दिया गया। प्रसन्नता की इस घड़ी में विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ. आरएन चौरसिया की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. ममता को मिठाई खिलाकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई। डॉ. चौरसिया ने कहा कि संस्कृत-प्राध्यापिका डॉ. ममता को ‘मिथिला रत्न सम्मान’ मिलना संस्कृत विभाग तथा विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है। इस सम्मान से नए लोगों को भी संस्कृत, मैथिली तथा हिन्दी आदि विषयों में अध्ययन-अध्यापन, ग्रन्थ-रचना एवं शोध कार्य में उत्साह का संचार होगा। इस अवसर पर डॉ. कृष्णकांत झा, डॉ. आरएन चौरसिया, डॉ. मोना शर्मा, प्रो. जीवानन्द झा, डॉ. कुमारी पूनम राय, डॉ. विरोध राम, डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. संजीत कुमार राम, मंजू अकेला, योगेन्द्र पासवान, विद्यासागर भारती, रितु कुमारी, मणि पुष्पक घोष, सदानंद विश्वास, रवीन्द्र कुमार चौधरी, शत्रुघन कुमार आदि ने बधाई दी।
डॉ. ममता सनेही ने कहा, ‘मेधा की धरती मिथिला ने मुझे कम समय में ही बहुत कुछ दिया है। मिथिला रत्न सम्मान- 2025 से सम्मानित करने के लिए मैं पंडित हरि नारायण झा एवं पंडित शिव नारायण झा शैक्षणिक एवं सामाजिक सहयोग न्यास तथा मिथिला की धरती के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करती हूं।’ ज्ञातव्य है कि डॉ. ममता स्नेही सीतापुरा, जयपुर, राजस्थान निवासी रामस्वरूप स्नेही की पुत्री हैं। वह एमए, एमफिल तथा पीएचडी जेएनयू, दिल्ली से कर 2019 से मिथिला विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में सहायक प्राध्यापिका के रूप में कार्यरत हैं। इनके अनेक आलेख राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं एवं संपादित ग्रंथों में प्रकाशित होते रहे हैं। ये अपनी सक्रियता से अनेक शैक्षणिक संस्थानों से संबद्ध रही हैं।
डॉ. ममता को बधाई देने वाले अन्य लोगों में स्थानीय संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. लक्ष्मी निवास पांडे एवं पूर्व वीसी प्रो विद्याधर झा, प्रो. श्रीपति त्रिपाठी, प्रो. रामनाथ झा, (जेएनयू), प्रो. सृष्टि नारायण झा, प्रो. रामनाथ सिंह, प्रो. पुष्पम नारायण, प्रो. मंजू राय, प्रो. पीसी मिश्रा, प्रो. पुरेन्दर बारिक, प्रो. रमण झा, डॉ. जयशंकर झा, डॉ. बिन्दु चौहान, डॉ. सविता वर्मा, डॉ. अमिताभ कुमार, डॉ. गौरव सिक्का, डॉ. नेहा वर्मा, डॉ. साधना शर्मा, डॉ. रीतेश चतुर्वेदी, डॉ. पारुल बनर्जी, डॉ. मनुराज शर्मा, डॉ. संकेत कुमार झा, डॉ. अंकित कुमार सिंह, डॉ. ज्योति प्रभा, डॉ. प्रियंका राय, डॉ. सारिका पांडे, डॉ. लक्ष्मी कुमारी, डॉ. सत्य मुदिता स्नेही, डॉ. सच्चिदानंद स्नेही, नूतन ठाकुर, रंजेश्वर झा, नजमा हसन, मौसमी आकुली, कीर्ति चौधरी आदि के नाम शामिल हैं।