दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय की स्नातकोत्तर इकाई द्वारा आयोजित पोषण पखवाड़े का समापन समारोह सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा ने की। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा के निर्देशन में हुआ। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत विविध कार्यक्रम किए गए।
अध्यक्षता करते हुए प्रो. दिलीप कुमार झा ने पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ” दीर्घायु जीवन के लिए उत्तम पोषण एवं आहार आवश्यक है। भारत का परंपरागत जीवन सदैव स्वास्थ्यवर्धक रहा है। हमें विदेशी चीजों का कम से कम सेवन कर देशी आहार को अपनाना चाहिए, तभी हम स्वस्थ रह सकते हैं।” इस अवसर पर कुलानुशासक प्रो. पुरेन्द्र बारिक ने कहा कि “स्वस्थ समाज के निर्माण में पोषण की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।” दर्शन विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज कुमार पांडेय ने कहा कि “बच्चों में पोषण के प्रति प्रारंभ से ही जागरूकता आवश्यक है।” उपकुलसचिव डॉ. दीनानाथ साह ने कहा कि “पोषण जीवन का आधार है, इसकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।” उपकुलसचिव डॉ. सुनील झा ने कहा कि “संतुलित आहार शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए आवश्यक है।” विधि पदाधिकारी डॉ. नवीन कुमार झा ने कहा कि “पोषण को अधिकार और जिम्मेदारी दोनों की तरह अपनाना चाहिए।” साहित्य विभागाध्यक्ष (प्रभारी) डॉ. संतोष कुमार पासवान ने कहा कि स्वस्थ शरीर ही सृजनात्मकता का आधार है।” कार्यक्रम में रोहित ने पोषण पर गीत सुनाया, चंदन, सुनील और गुंजन ने भी अपनी प्रस्तुतियाँ देकर पोषण जागरूकता का संदेश दिया।
प्रतियोगिता में विभिन्न प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें प्रथम स्थान काजल, द्वितीय स्थान चंद्र मोहन तथा तृतीय स्थान अभिनव मिश्रा ने प्राप्त किया। निर्णायक मंडल में दर्शन विभाग से माया कुमारी, ज्योतिष विभाग से डॉ. अवधेश कुमार श्रोत्रिय तथा व्याकरण विभाग से डॉ. यदुवीर स्वरूप शास्त्री शामिल रहे।
प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. साधना शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम में कुल 12 प्रतिभागियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रतियोगिताओं का सफल आयोजन किया गया, जिसमें ‘महिला मंच’ का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम की सूचना विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. निशिकांत सिंह द्वारा दी गई।