डेस्क : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए भयावह आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है, जिसमें कम से कम 26 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए. सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष जेरोम बोनाफोंट (फ्रांस) ने 25 अप्रैल 2025 को यह प्रेस बयान जारी किया.
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पीड़ितों के परिवारों, भारत सरकार और नेपाल सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. परिषद ने जोर देते हुए कहा कि आतंकवाद, किसी भी रूप और अभिव्यक्ति में, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है.
सुरक्षा परिषद ने यह भी स्पष्ट किया कि इस जघन्य कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, वित्तीय मददगारों और समर्थकों को जवाबदेह ठहराना आवश्यक है और उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए. परिषद ने सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप सहयोग करने का आह्वान किया, ताकि इस तरह के अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.
अपने बयान में, परिषद ने दोहराया कि आतंकवाद का कोई भी कार्य, चाहे वह कहीं भी, कभी भी और किसी के द्वारा भी किया गया हो, पूरी तरह से आपराधिक और अनुचित है. सभी देशों से आग्रह किया गया कि वे संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, शरणार्थी कानून तथा अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अपने दायित्वों के अनुसार आतंकवाद से लड़ने के लिए हर संभव उपाय करें.
यह कड़ा बयान ऐसे समय आया है जब क्षेत्र में बढ़ती हिंसा ने वैश्विक समुदाय को गहरी चिंता में डाल दिया है और एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता को रेखांकित किया है.