दरभंगा (निशांत झा) : मैथिली लोक संस्कृति मंच के तत्वावधान में आयोजित मिथिला महोत्सव 2025 के दूसरे दिन का तीसरा सत्र भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ। दयानन्द पासवान की अध्यक्षता में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए बिहार सरकार के भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने याद दिलाते हुए कहा कि साल 2003 में मैथिली को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल करना भी अप्रत्याशित था, उसी तरह राज्य सरकार द्वारा भी मिथिला और मैथिली के विकास के लिए कुछ अप्रत्याशित हो जाए, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
स्थानीय सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि पटना हाई कोर्ट की बेंच दरभंगा में स्थापित हो, इसके लिए वे लगातार प्रयासरत हैं। विधान पार्षद मदन मोहन झा ने कहा कि दरभंगा को उपराजधानी का दर्जा मिले, इसके लिए सामूहिक प्रयास हो। मंच के महासचिव उदय शंकर मिश्र ने सभी राजनेताओं से मिथिला और मैथिली के विकास के मुद्दे पर एकजुट हो कार्य करने का आह्वान किया।
अन्य वक्ताओं में शीतलाम्बर झा, अम्बर इमाम हाशमी, राम नारायण झा, चंद्रेश, माधव झा, सुजीत कुमार आचार्य, प्रो. सुधीर कुमार झा आदि प्रमुख थे। इसके बाद प्रियंका झा के संयोजकत्व में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में शिवानी झा द्वारा प्रस्तुत ‘ए पहुना मिथिले में रहू न’, विक्रम बिहारी ने ‘जोगिया ठाड़ मोर आँगनवा में’, जूली झा ने भगवती गीत, डॉली सिंह, आयुष्मान शेखर, आलोक भारती, प्रवीण यादव, चांदनी झा चकोर, ममता ठाकुर, सुषमा झा, विभा झा, राधे भाई, गौरांग चौधरी सहित दो दर्जन गायक और संगत कलाकार में पारस पंकज, राहुल शरण, चंद्रमणि झा, सुमंत सिंह आदि ने रात तीन बजे तक अपनी प्रस्तुति से लोगो का मनोरंजन किया।
कार्यक्रम की सफलता में बासुकीनाथ झा, चौधरी हेमचंद रॉय, राजेश चौधरी, विजय कुमार यादव, रंजीत कुमार झा, सुजीत आचार्य, प्रो. सुधीर कुमार झा, उज्ज्वल कुमार झा, अमितेश सिंह आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।